वैकुंठ चतुर्दशी एक खास दिन है जिसे पवित्र कहा जाता है क्योंकि ये भगवान नारायण और महादेव को समर्पित है। ये हिंदू लूनी-सौर कैलेंडर के कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष (वैक्सिंग मून पखवाड़े) के 14वें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। ये दिन वाराणसी, ऋषिकेश, गया तथा महाराष्ट्र प्रदेश में लोकप्रिय तौर पर मनाया जाता है। वैकुंठ चतुर्दशी 2021: तिथि और समय:- वैकुंठ चतुर्दशी बुधवार, 17 नवंबर, 2021 वैकुंठ चतुर्दशी निशिताकल – 23:40 से 00:33, नवंबर 18 अवधि – 00 घंटे 53 मिनट देव दीपावली गुरुवार 18 नवंबर 2021 चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 09:50 17 नवंबर 2021 चतुर्दशी तिथि समाप्त – 12:00 नवंबर 18, 2021 वैकुंठ चतुर्दशी 2021: अनुष्ठान और उत्सव:- – इस पर्व को पवित्र नदी में डुबकी लगाकर मनाया जाता है तथा इसे कार्तिक स्नान कहा जाता है। – ऋषिकेश में दीप दान महोत्सव मनाया जाता है। चातुर्मास के पश्चात् ये अवसर नारायण के जागने का प्रतीक है। पवित्र गंगा नदी पर आटे या मिट्टी के दीयों से बने हजारों छोटे-छोटे दीपक जलाए जाते हैं। गंगा आरती भी की जाती है। – विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ से श्रद्धालु नारायण को एक हजार कमल अर्पित करते हैं। – वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में नारायण का खास सम्मान किया जाता है। दोनों देवताओं महादेव एवं नारायण की विधिवत पूजा की जाती है क्योंकि वो एक दूसरे की पूजा कर रहे हैं। – नारायण को प्रिय तुलसी के पत्ते महादेव को तथा महादेव को प्रिय बेल के पत्ते विष्णु को चढ़ाए जाते हैं। – गंगाजल, अक्षत, चंदन, फूल तथा कपूर आदि का भोग लगाया जाता है। – दीपक प्रज्ज्वलित कर आरती की जाती है। – पूरे दिन व्रत रखा जाता है। – कुछ अन्य मंदिरों में भी ये त्योहार अपने पारंपरिक तरीकों से मनाया जाता है। मंगलवार को भूलकर भी ना करें ये 5 काम इस तरह करें हनुमान जी को खुश इस तरह करें भोलेनाथ को प्रसन्न, बरसेगी असीम कृपा