शुक्रवार को कांग्रेस सहित 7 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को चीफ जस्टिस मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नोटिस दिया था. महाभियोग नोटिस पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस समेत अन्य दलों की इस मांग को लेकर रविवार को अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल सहित संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया. राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार नायडू ने इसे लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पी.के. मल्होत्रा सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली. ऐसा माना जा रहा है कि नायडू जल्द ही विपक्षी दलों के इस नोटिस पर कोई फैसला करेंगे. अधिकारियों के अनुसार नायडू ने मामले की गंभीरता के मद्देनज़र आज हैदराबाद के अपने कुछ कार्यक्रमों को रद्द कर कानूनविदों के साथ बैठक की. राज्यसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव मल्होत्रा और विधायी मामलों के पूर्व सचिव संजय सिंह से नायडू ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया. अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी विचार-विमर्श किया और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से भी बातचीत की. महाभियोग का असर उड़ीसा कांग्रेस पर महाभियोग का CJI पर क्या होगा प्रभाव कांग्रेस कोर्ट के रास्ते देश चलाना चाहती है- रविशंकर प्रसाद