नव संवत्सर 2079 का दूसरा माह वैशाख होता है। जी हाँ और यह माह भगवान विष्णु की भक्ति करने का महीना कहा जाता है. कहते हैं इस माह में पवित्र नदियों में स्नान, दान, जप, कल्पवास आदि का बड़ा महत्व होता है। इसी के साथ आपको हम यह भी बता दें कि वैशाख माह 17 अप्रैल से प्रारंभ होकर 16 मई तक चलेगा, लेकिन वैशाख स्नान चैत्र पूर्णिमा से ही प्रारंभ हो जाता है। ऐसे में वैशाख माह में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पर्व आते हैं। इसी के साथ इस माह में बुध, शुक्र, सूर्य और शनि ग्रह भी अपना राशि परिवर्तन करेंगे। हालाँकि इन सभी के बीच सबसे प्रमुख राशि परिवर्तन शनि का होगा। तो आज हम आपको बताते हैं इस महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में. 19 अप्रैल- संकट चतुर्थी, अंगारक चतुर्थी, चंद्रोदय रात्रि 9.45 बजे 21 अप्रैल- रवियोग रात्रि 9.52 से 22 अप्रैल- भद्रा प्रात: 8.43 से सायं 7.36 तक, रवियोग रात्रि 8.13 तक 23 अप्रैल- कालाष्टमी, सर्वार्थसिद्धि सायं 6.54 से तड़के 6.02 तक 24 अप्रैल- पंचक प्रारंभ रात्रि 4.29 से, बुध वृषभ में रात्रि 12.17 से 25 अप्रैल- भद्रा दोप. 2.17 से रात्रि 1.40 तक, पंचक्रोशी यात्रा प्रारंभ 26 अप्रैल- वरूथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयंती 27 अप्रैल- शुक्र मीन में सायं 6.16 से 28 अप्रैल- प्रदोष व्रत 29 अप्रैल- मास शिवरात्रि, शनि कुंभ में प्रात: 7.52 से 30 अप्रैल- शनैश्चरी अमावस्या, पंचक्रोशी यात्रा पूर्ण 2 मई- चंद्रदर्शन, शिवाजी जयंती 3 मई- परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया 4 मई- विनायक चतुर्थी 6 मई- आद्य शंकराचार्य जयंती 7 मई- रामानुजाचार्य जयंती 8 मई- श्री गंगा जन्म, रवि पुष्य प्रात: 5.53 से दोप. 2.58 तक 10 मई- सीता नवमी, बुध वक्री सायं 5.19 से 12 मई- मोहिनी एकादशी व्रत 13 मई- प्रदोष व्रत, बुध अस्त पश्चिम में प्रात: 6.50 14 मई- नृसिंह जयंती, सूर्य वृषभ में 15 मई- सत्यनारायण व्रत, कूर्म जयंती 16 मई- सोमवती पूर्णिमा, बुद्ध जयंती, जलकुंभदान, वैशाख स्नान पूर्ण श्री हनुमान की हुई थी 3 शादियां, जानिए सभी के बारे में इस मंदिर में स्त्री रूप में होती है हनुमान जी की पूजा आज इस रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें 11 कौड़ियां, बन जाएंगे करोड़पति