हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) का पहला महीना चैत्र समाप्त हो चुका है दूसरे महीने वैशाख की शुरुआत 17 अप्रैल 2022 से हो चुकी है। जी दरअसल वैशाख के महीने (Vaishakh Month) का समापन 16 मई को होने वाला है। वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार, वैशाख के महीने में पाप कर्मों से मुक्ति पाने के लिए स्नान-दान (Snan-daan) का महत्व बताया गया है। जी हाँ और इसके अलावा धर्म-कर्म के अनुसार भी यह माह बहुत ही श्रेष्ठ उत्तम माना गया है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि वैशाख के महीने में भगवान विष्णु के साथ ही भगवान शिव ब्रह्मा जी यानी त्रिदेव की पूजा (Worship Tridev) करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। जी हाँ और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा व्यक्ति को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। वहीं वैशाख मास में नियम अनुशासन का भी विशेष महत्व बताया गया है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं वैशाख स्नान के नियम। वैशाख स्नान के नियम- वैशाख के महीने के देवता भगवान मधुसूदन हैं। -कहा जाता है वैशाख स्नान करने वाले साधक को यह संकल्प लेना चाहिए-''हे मधुसूदन! हे देवेश्वर माधव! मैं मेष राशि में सूर्य के स्थित होने पर वैशाख मास में प्रातः स्नान करूंगा,आप इसे निर्विघ्न पूर्ण कीजिए। - आप सभी को बता दें कि यह महीना संयम,अहिंसा,आध्यात्म,स्वाध्याय जनसेवा का महीना है। - आप सभी को बता दें कि सेवा किसी भी रूप में हो अधिक से अधिक करनी चाहिए और इसके अलावा इस महीने में धूम्रपान, मांसाहार, मदिरापान एवं परनिंदा जैसी बुराईयों से बचना चाहिए। - वैशाख के महीने में भगवान विष्णु की सेवा तथा उनके सगुण या निर्गुणं स्वरूप का अनन्य चित्त से ध्यान करना चाहिए। 17 अप्रैल से आरम्भ हो रहा है वैशाख, जानिए इस महीने में पड़ने वाले व्रत त्यौहार 30 अप्रैल को है साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए भारत में दिखेगा या नहीं? शुरू हो गया है वैशाख, जानिए इस महीने में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?