वैशाख महीने का आरम्भ आज से यानी 17 अप्रैल से हो गया है. आप सभी को बता दें कि वैशाख महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होता है, इस वजह से इस महीने का नाम वैशाख है। आप सभी को बता दें कि विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति और देवता इंद्र है। जी हाँ और इस वजह से इस पूरे महीने में स्नान-दान, व्रत और पूजा की जाती है। केवल यही नहीं बल्कि इस महीने में फल और जल दान करने से पुण्य मिलता है। यही कारण है कि इस महीने में लोग पानी पिलाने से लिए प्याऊ खुलवाते हैं। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख में जल दान करने से त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता प्रसन्न होते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं वैशाख मास में कौन-से काम करना चाहिए और कौन से नहीं? कौन से काम करने चाहिए- ग्रंथों में लिखा है कि जितना पुण्य हर तरह के दान और कई तीर्थों के दर्शन से मिलता है, उसके बराबर पुण्य वैशाख महीने में केवल जलदान से मिल जाता है। इस वजह से इस महीने में प्यासों का पानी पिलाना चाहिए। - धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि वैशाख महीने में भगवान विष्णु का अभिषेक और विशेष पूजा करने की परंपरा है। जी हाँ और इस महीने में शिवलिंग, तुलसी और पीपल को भी जल चढ़ाना चाहिए। - कहा जाता है इस महीने में सुबह और शाम दोनों समय तुलसी को दीपक लगाना चाहिए। जी हाँ क्योंकि ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। - कहा जाता है वैशाख में पीपल की पूजा का भी खास महत्व है। जी हाँ और इन दिनों में सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल, कच्चा दूध और तिल मिलाकर पीपल को चढ़ाना चाहिए। कौन से काम नहीं करने चाहिए- वैशाख माह में दिन में नहीं सोना चाहिए. वैशाख माह में शरीर पर तेल मालिश नहीं करवानी चाहिए। वैशाख माह में मांसाहार, शराब और अन्य हर तरह के नशे से दूर रहें। वैशाख माह में कांसे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए। वैशाख माह में रात में भोजन नहीं करना चाहिए और पलंग पर नहीं सोना चाहिए। 17 अप्रैल से आरम्भ हो रहा है वैशाख, जानिए इस महीने में पड़ने वाले व्रत त्यौहार त्रिगुण श्राप का संकेत है बिल्ली का घर आना लेकिन ऐसे दिखना होता है शुभ जा रहे हैं रुद्राक्ष पहनने तो इन नियमों का करें पालन