वैशाली: बिहार के वैशाली जिला प्रशासन को अध्यापकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फरमान शिक्षक संघों के भारी दबाव के पश्चात् वापस लेना पड़ा है। 13 जुलाई को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्कूल के अध्यापकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का निर्देश जारी किया था लेकिन 24 घंटे के भीतर उन्हें यह फरमान वापस लेना पड़ा। प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्कूल के अध्यापकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का जो फरमान जारी किया गया था, उसमें लिखा गया था कि सामान्य रूप से कुर्ता पजामा पहनें या फिर जींस और टी-शर्ट पहने हुए अध्यापकों से समाज में उनकी छवि को लेकर गलत संदेश जाता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने यह चिट्ठी जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्य को लिखी थी तथा इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश जारी किया था। वही जिला शिक्षा पदाधिकारी के नोटिस में लिखा गया था कि, 'समाज निर्माण में अध्यापकों का एक अहम किरदार होता है। अध्यापक विद्यार्थियों के लिए विद्यालय में और विद्यालय के बाहर भी पथ प्रदर्शक की भूमिका में होते हैं। इसी वजह से यह आवश्यक है कि अध्यापक हमेशा औपचारिक फुल या हाफ शर्ट और पैंट पहनकर विद्यालय आएं जिससे विद्यार्थियों में उनको लेकर सकारात्मक छवि बने।' हालांकि, प्रशासन की ओर से अध्यापकों के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने के फरमान के बाद अध्यापकों में हड़कंप मच गया तथा सोशल मीडिया पर भी प्रशासन का यह फरमान वायरल होने लगा। लखनऊ: लूलू मॉल के बाहर फिर बवाल, हिरासत में लिए गए 15 लोग अचानक भरभराकर गिर गई स्कूल भवन की दीवार, मलबे के नीचे अटकी सांसें विराट कोहली को 'ड्रॉप' नहीं कर सकता BCCI, क्योंकि वह दबाव में है ?