आज इस तरह से करें वामन द्वादशी पर पूजन

आप सभी को बता दें कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 2 जुलाई 2020 को यानी आज वासुदेव द्वादशी, वामन द्वादशी और प्रदोष व्रत है। ऐसे में आप जानते ही होंगे कि पौराणिक मान्यता है कि, माता देवकी ने भगवान श्रीकृष्ण के लिए यह व्रत रखा था और इसी के साथ ही साथ ऐसी भी मान्यता है कि यह व्रत रखने से पूर्व में हुए ज्ञात-अज्ञात पाप खत्म हो जाते हैं। द्वादशी के दिन खासतौर में श्रीकृष्ण भगवान और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं पूजा विधि।

कैसे मनाएं पर्व, ऐसे करें पूजा :- आप इस दिन भगवान वामन की मूर्ति या चित्र की पूजा करें। अब इसके बाद मूर्ति है तो दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध लेकर अभिषेक करें। वहीँ अगर आपके पास चित्र है तो सामान्य पूजा करें। ध्यान रहे इस दिन भगवान वामन का पूजन करने के बाद कथा सुनें और बाद में आरती करें। अब आप इसी दिन अंत में चावल, दही और मिश्री का दान कर किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन करवा सकते हैं। वैसे यदि किसी पंडित से पूजा करवा रहे हैं तो इस दिन विधि-विधान से पूजा के साथ ही व्रत भी रखा जा सकता है। जी दरसल आपको इस दिन वामन मूर्ति के पास 52 पेड़े और 52 दक्षिणा रखकर पूजा करना चाहिए। वैसे पंचामृत भोग लगाना भी श्रेष्ठ माना जाता है।

जी दरअसल भगवान् वामन को भोग लगाकर सकोरों में चीनी, दही, चावल, शर्बत तथा दक्षिणा पंडित को दान करने के बाद वामन द्वादशी का व्रत पूरा किया जाता है। ध्यान रहे इस व्रत का उद्यापन करने में पंडित को 1 माला, 2 गौ मुखी मंडल, छाता, आसन, गीता, लाठी, फल, खड़ाऊं तथा दक्षिणा देकर इस पर्व को संपन्न करना लाभदायी होता है। इस दिन भगवान को हाथ का पंखा, फल और पुष्प चढ़ाये जा सकते हैं।

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