वन्देमातरम की गरिमा फिर तार-तार

मेरठ में वन्दे मातरम  को लेकर बवाल कोई नई बात नहीं है अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ नगर निगम की पहली बैठक में बीजेपी पार्षदों का आरोप है कि सदन में फिल्मी धुन में वंदे मातरम बजाया गया और जब बीजेपी पार्षदों ने वंदे मातरम गाया गया, तब बसपा और सपा पार्षद बाहर जाने लगे, इसी को लेकर हंगामा हो गया.

वहीं बीएसपी का कहना है कि बैठक में विकास की बात होनी चाहिए ना कि वंदे मातरम की. बता दें कि पिछले साल दिसंबर में मेरठ नगर निगम में मेयर और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी वंदे मातरम को लेकर हंगामा हुआ था.

शपथ ग्रहण कार्यक्रम के शुरू होते ही बीजेपी के पार्षद खुद खड़े होकर वंदेमातरम गाने लगे थे. वन्देमातरम को लेकर हंगामा करने वाले मेरठ नगर निगम बोर्ड में पार्षदों की संख्या 90 है. इनमें बीजेपी के 36, बसपा के 28, सपा के 4, कांग्रेस के 2, रालोद और एमआईएम के एक-एक पार्षद जीत कर आए हैं. इस सब के दौरान एक और बात सामने आई के जब वन्देमातरम मातरम बजाये जाने के दौरान बसपा की मेयर सुनीता वर्मा कुर्सी से खड़ी भी नहीं हुई थीं. मेयर ने कहा- संविधान में वंदे मातरम का उल्लेख नहीं है .

 

'वंदे मातरम' नहीं होगा दयाल सिंह कॉलेज का नाम

121 साल पहले आज ही के दिन पहली बार गाया गया था 'वंदेमातरम्'

वन्देमातरम गाने और हाथ जोड़ने पर छात्रों की पिटाई

 

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