हमारी हिन्दू सभ्यताओं के अनुसार और हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक हर दिन कोई न कोई त्यौहार आ ही जाता है| इसके अलावा 28 जनवरी को चतुर्थी का व्रत है हर साल यह व्रत हिन्दू मान्यताओं के अनुसार रखा जाता है ।वही चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। हर महीने में दो बार चतुर्थी व्रत आता है। इसके अलावा माघ महीने की शुक्लपक्ष की चतुर्थी को वरद, विनायक और तिलकुंद चतुर्थी कहा जाता है।इसके साथ ही वरद चतुर्थी व्रत करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। चतुर्थी व्रत में भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है| पूजा-विधि- इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें। पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें। पांच दुर्वा गणेश जी को अर्पित करें। गणेश जी को लाल सिंदूर से तिलक करें। तिल से बनी चीजों से गणेश जी को भोग लगाएं। - गणेश जी को लाल वस्त्र भेंट करें। पांच बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। पान सुपारी अर्पित करें। व्रत रखने वाले लोग सायंकाल में संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़ें या सुनें और दूसरो को भी सुनाएं। गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।। साल 2020 में कब-कब अंगारकी चतुर्थी- 28 जनवरी - माघ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी 26 मई - ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी, अंगारकी विनायक चतुर्थी, 20 अक्टूबर - अश्विन मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी, अंगारकी विनायक चतुर्थी भगवान् के शिव नामो के उच्चारण मात्र से दूर हो जाते है कष्ट इन मंत्रो के जाप से होगी सभी समस्या का निवारण जानिये आखिर क्या है वहम, कैसे पाए इससे छुटकारा