हिन्दू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है जो इस बार 9 अगस्त को है. ऐसे में हिंदू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत को बहुत ही पवित्र व्रत माना जाता है और इस व्रत के दिन पूजन करने से और कथा सुनने से सभी काम बन जाते हैं. तो आइए जानते हैं इस व्रत का पूजन विधि, सामग्री. वरलक्ष्मी व्रत पूजा की विधि और सामग्री - • देवी वरलक्ष्मी जी की प्रतिमा • फूल माला • कुमकुम • हल्दी • चंदन चूर्ण पाउडर • विभूति • शीशा • कंघी • आम पत्र • फूल • पान के पत्तों • पंचामृत • दही • केला • दूध • पानी • अगरबत्ती • मोली • धूप • कर्पुर • छोटा पूजा घंटी • प्रसाद • तेल दीपक • अक्षत वरलक्ष्मी पूजा विधि - इस दिन सुबह उठकर, घर की साफ-सफाई कर स्नान-ध्यान से निवृत होकर अपने पूजा स्थान को गंगाजल से पवित्र कर लेना चाहिए और फिर तत्पश्चात ही व्रत का संकल्प करना चाहिए. अब उसके बाद मां लक्ष्मी की मूर्ति को नए कपड़ों, जेवर और कुमकुम से सजा लें और फिर एक पाटे पर गणपति जी की मूर्ति के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति को पूर्व दिशा में स्थित कर दें. अब इसके बाद पूजा स्थल पर थोड़ा सा तांदूल फैलाएं और एक कलश में जल भरकर उसे तांदूल पर रखें. तत्पश्चात कलश के चारों तरफ चन्दन भी लगाएं. अब उसके बाद कलश के पास पान, सुपारी, सिक्का, आम के पत्ते आदि डालें. अब यह करने के बाद एक नारियल पर चंदन, हल्दी, कुमकुम लगाकर उस कलश पर भी रख दें और एक थाली में लाल वस्त्र, अक्षत, फल, फूल, दूर्वा, दीप, धुप आदि से मां लक्ष्मी की पूजा ज़रूर कर लें. अब इसके बाद मां की मूर्ति के सामने दीया जलाएं और साथ ही वरलक्ष्मी व्रत की कथा पूरी पढ़ें. ध्यान रहे पूजा खत्म होने के बाद प्रसाद महिलाओं में बांटना ना भूले. कहते हैं इस खास दिन जो भी महिलाएं व्रत करती हैं, उन्हें निराहार रहना चाहिए और उसके बाद रात के समय आरती-अर्चना के पश्चात फलाहार करना चाहिए. तुलसीदास जयंती पर अपने जीवन में उतार लीजिए उनके यह कथन अपनी सास और पति के दिल पर राज करती हैं इस राशि की लड़कियां मंगलवार के दिन किए इस एक उपाय से धन से भर जाएगी आपकी तिजोरी