वाराणसी: वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर में स्थित माँ श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की पूजा अर्चना के मामले में मंगलवार (26 अप्रैल, 2022) को सीनियर डिवीजन के सिविल जज रवि कुमार ने फैसला दे दिया है। कोर्ट के फैसले के अनुसार, इस बार ईद पश्चात 10 मई से पहले एडवोकेट कमिश्नर से मौके का मुआयना करा वहाँ की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। कमिश्नर द्वारा अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपने के बाद इस मामले पर सुनवाई होगी। रिपोर्ट के अनुसार, माँ श्रंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के संबंध में स्थितियों का पता लगाने के लिए इसी माह की 8 तारीख को कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की थी। इसके बाद एडवोकेट कमिश्नर द्वारा कार्रवाई को लेकर 18 अप्रैल को अदालत में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि श्रृंगार गोरी बैरिकेडिंग के बाहर है। ऐसे में उसके भीतर मुस्लिमों और सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त कोई और नहीं जा सकता। एडवोकेट कमिश्नर को रोकने की माँग की गई थी। बता दें कि यह मामला 18 अगस्त 2021 का है, जब दिल्ली की निवासी राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की तरफ से अदालत में एक याचिका दायर करते हुए श्रृंगार माता के नियमित दर्शन और पूजा-अर्चना करने की अनुमति माँगी गई थी। बता दें कि ये याचिका हिंदू महासभा की तरफ से दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ऐसा न करने देना हिंदुओं के हितों का उल्लंघन होगा। इसमें विपक्ष के तौर पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद, वाराणसी के कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, जिले के जिलाधिकारी और राज्य सरकार को चुना गया था। कराची में एक आतंकवादी घटना में तीन और चीनी नागरिकों की मौत धर्मेंद्र प्रधान ने इग्नू के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया,प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का आग्रह IMF ने श्रीलंका से मौद्रिक नीति को सख्त करने का आह्वान किया