लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) की संपत्ति पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक बार फिर दावा ठोका है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि कॉलेज की जमीन वक्फ संपत्ति है। इस दावे के बाद कॉलेज प्रशासन, शिक्षकों और छात्रों के बीच आक्रोश फैल गया है। वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज प्रबंधन को नोटिस जारी कर यह कहा था कि भोजूबीर क्षेत्र की एक मस्जिद और मजार की जमीन वक्फ बोर्ड में पंजीकृत कराई जाए। साथ ही कॉलेज से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था। उदय प्रताप शिक्षा समिति के तत्कालीन सचिव ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि कॉलेज की स्थापना 1909 में हुई थी और यह इंडाउमेंट ट्रस्ट के तहत संचालित है। ट्रस्ट की जमीन पर किसी अन्य का मालिकाना हक नहीं हो सकता। कॉलेज की स्थापना करीब 115 साल पहले 1909 में भिनगा के राजा उदय प्रताप सिंह जूदेव ने की थी। इसे उन्होंने ‘हेवेट क्षत्रिय हाई स्कूल’ के रूप में शुरू किया, जो आगे चलकर एक स्वायत्त महाविद्यालय बना। कॉलेज 500 एकड़ में फैला है और इसके तहत कई स्कूल व संस्थान संचालित हैं, जिनमें करीब 20,000 विद्यार्थी पढ़ते हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर डीके सिंह ने बताया कि वक्फ बोर्ड के नोटिस का जवाब 2018 में दिया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि कॉलेज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। इसके बाद वक्फ बोर्ड की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि कॉलेज परिसर में अवैध निर्माण का प्रयास किया गया था, जिसे रोका गया। परिसर में स्थित मस्जिद और मजार का निर्माण पूरी तरह अवैध बताया गया है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अवैध मस्जिद और मजार का निर्माण पिछली समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के दौरान हुआ था। वहीं, कुछ लोगों का दावा है कि मस्जिद कॉलेज से भी पुरानी है। यह विवाद अब एक बड़े मुद्दे का रूप ले चुका है, जिससे कॉलेज प्रशासन और छात्रों के बीच तनाव बढ़ गया है। उद्धव सेना में फिर मचेगी भगदड़..! MVA से निकलना चाहते हैं गुट के कई नेता मॉल के कर्मचारी ने तोड़ा शोरूम में रखा 1800000 का सामान, चौंकाने वाली है वजह 'एकमुश्त वोट लिए हैं, अब आरक्षण दो..', कांग्रेस के सामने किसने रख दी ये मांग?