कहा जाता है हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि काफी महत्वपूर्ण होती है और ऐसे में यह व्रत रखने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. आप जानते होंगे कि हर महीने में दो एकादशी होती हैं जिनका अपना महत्व है. वहीं वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है और इस बार यह 30 अप्रैल को है. तो आइए जानते हैं आज के दिन की पूजा विधि, व्रत विधि, शुभ मुहूर्त. व्रत विधि - कहा जाता है वरुथिनी एकादशी पर सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने व्रत करने का संकल्प लें, पूजा करें. अब इसके बाद अगर पूरे दिन निराहार नहीं रह सकते हैं तो फलाहार कर सकते हैं. ध्यान रहे इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण की भी विशेष पूजा करनी चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से करें और विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. वहीं पूजा में व्रत की कथा सुननी चाहिए और व्रत के अगले दिन यानी द्वादशी (1 मई, बुधवार) पर ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और उसके बाद स्वयं भोजन करना चाहिए. वरूथिनी एकादशी शुभ मुहूर्त- एकादशी आरंभ- 29 अप्रैल रात 11 बजकर 4 मिनट से एकादशी तिथि समाप्त: 1 मई 12:18 तक पारण का समय: 1 मई 2019 को शाम 06:44 से 08:22 बजे तक एकादशी व्रत के नियम : कहा जाता है इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को कठोर नियमों का पालन करना चाहिये और उपवास रखने वालों को इस दिन मांस, मसूर की दाल, चना, करौंदे, शाक, शहद नहीं खाना चाहिए. इसी के साथ कांसे के बर्तन, मांगकर और दूसरी बार भोजन नहीं करना चाहिए और भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए. अगर रातोंरात बनना चाहते हैं मालामाल तो करें नींबू का यह सरल टोटका मंगलवार को हनुमान मंदिर में रख आए यह चीज़, मिलेगा सबकुछ आपने कभी नहीं पढ़े होंगे श्री हनुमान के यह 3 रहस्य