घर का माहौल देखने से पता चलता है कि घर में वास्तु दोष है या नहीं। जी दरअसल हमारे आसपास के माहौल में सकारात्‍मक ऊर्जा हो या नकारात्‍मक ऊर्जा, दोनों ही हम पर असर डालती हैं। वहीं वास्‍तु शास्‍त्र का सिद्धांत इन्ही ऊर्जाओं पर ही आधारित है। जी दरअसल वास्‍तु शास्‍त्र में नकारात्‍मक ऊर्जा को सकारात्‍मक ऊर्जा में बदलने के तरीके बताए गए हैं। इसी के साथ ही कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से घर, ऑफिस या किसी भी जगह को सकारात्‍मकता से भरा जा सकता है। आपको बता दें कि ऊर्जा का प्रभाव हमारे जीवन के हर पहलू पर पड़ता है। कहा जाता है अगर ऊर्जा गलत हो तो इसके बुरे नतीजे झेलने पड़ते हैं और ऐसी स्थिति में इन वास्‍तु दोषों को दूर करने के लिए जल्‍द से जल्‍द उपाय कर लेने चाहिए। आज हम कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। नकारात्‍मकता या वास्‍तु दोष होने के लक्षण - - घर, ऑफिस या जिस भी जगह पर ताजगी महसूस न हो, तो यह वास्‍तु दोष होने का लक्षण है। इसका मतलब है कि अच्‍छी नींद लेने, बिना किसी सेहत संबंधी समस्‍या के पर्याप्‍त चाय-कॉफी पीने के बाद भी थकावट-कमजोरी महसूस हो तो यह उस जगह पर नकारात्‍मक ऊर्जा होने का संकेत है। - कई लोगों को बिना किसी कारण के नौकरी में तरक्‍की न मिले, व्‍यापार में घाटा हो तो इसे वास्‍तु दोष का लक्षण मन जाता है। वास्‍तु दोष व्‍यक्ति के साहस-आत्‍मविश्‍वास पर बुरा असर डालता है। - हमेशा बीमार रहना भी वास्‍तु दोष की निशानी हो सकती है। - घर में पैसा न टिकना, आय न बढ़ता, तरक्‍की न होना वास्‍तु दोष का लक्षण है। - बार-बार धन हानि होना या आर्थिक स्थिति में बार-बार उतार-चढ़ाव आना भी वास्‍तु दोष के लक्षण है। - घर में हमेशा कलह होना, बेवजह चिड़चिड़ाहट वास्‍तु दोष के कारण होता है। - जिंदगी जीने का उत्‍साह कम होना, हमेशा निराशा या उदासी से घिरे रहना भी वास्‍तु दोष का लक्षण है। ये हैं गणेश जी के 8 रूप, जानिए सबसे मंगलकारी कौन-सा हरितालिका तीज पर राशि के अनुसार पहने साड़ी, सफल होगी पूजा ऋषि पंचमी से लेकर पितृमोक्ष अमावस्या तक, यहाँ जानिए सितंबर में आने वाले त्योहारों की लिस्ट