हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि हर व्यक्ति के जीवन में वास्तुशास्त्र का विशेष महत्व होता हैं और भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो श्रद्धा भक्ति के साथ की गई जरा-सी पूजा से बहुत जल्दी कहसह हो जाते हैं और उनकी पूजा आराधना से वास्तुदोषों का शमन भी होता हैं. इसी के साथ अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वास्तु के मुताबिक भगवान की पूजा और उनकी तस्वीर को घर में लगाने के कुछ सरल नियम. नियम - कहते हैं जिन घरों में वास्तुदोष हो वहां सुख शांति के लिए शिवलिंग पर अभिषेक करने के उपरान्त जलहरी के जल को घर लाकर उससे 'ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय ' ये मंत्र का जपते हुए पूरे भवन में छिड़काव करना चाहिए. क्योंकि इससे वहां रहने वाले सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं. इसी के साथ कार्य में विघ्न बाधा, आपसी कलह, रोग आदि परेशानियों को दूर करने के लिए घर के उत्तर पूर्व या ब्रह्म स्थान में रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता हैं. कहते हैं घर परिवार पर भगवान शिव की कृपा बनी रहे, और धन का आगमन हो इसके लिए घर की पूर्व या फिर उत्तर पश्चिम दिशा में बिल्व का पेड़ लगाना चाहिए और उसको नियमित रूप से जल देना चाहिए. वहीं शाम के वक्त इसके नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए. कहते हैं उत्तर पूर्व दिशा भगवान की दिशा मानी जाती हैं और सकारात्मक शक्ति के प्रवाह और शुद्ध विचारों में वृद्धि के लिए यहां शिव परिवार की तस्वीर लगाने से शुभ फलों में वृद्धि होने लगती है. कहा जाता है वास्तुदोषों से उत्पन्न अकारण भय, परेशानी आदि के निवारण के लिए तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रुद्राष्टकम का पाठ किया जाना सकारात्मक परिणाम देना शुरू कर देता है. बहुत लोकप्रिय है विदुर नीति का यह श्लोक 19 नवंबर के दिन जरूर करें भैरवजी के 108 नाम का जाप 19 नवंबर को कालभैरव जयंती, जरूर करें यह उपाय