अखंड सौभाग्य की कामना से वट पूर्णिमा व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। आप सभी को बता दें कि वट पूर्णिमा व्रत (Vat Purnima Vrat) वट सावित्री व्रत के 15 वें दिन या 15 दिन बाद आता है। जी हाँ और वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या को रखते हैं, जो उत्तर भारत में सुहागन महिलाएं रखती हैं। इसी के साथ वट पूर्णिमा व्रत महाराष्ट्र, गुजरात समेत दक्षिण भारत के राज्यों में रखा जाता है। आप सभी जानते ही होंगे वट पूर्णिमा व्रत और वट सावित्री व्रत समान ही हैं, जी दरअसल दोनों में ही सावित्री, सत्यवान और वट वृक्ष की पूजा की जाती है, हालाँकि अंतर बस तिथियों का है। आप सभी को बता दें कि पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 13 जून दिन सोमवार को रात 09 बजकर 02 मिनट पर शुरु हो रहा है, जबकि इस तिथि का समापन 14 जून मंगलवार को शाम 05 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में उदयातिथि को आधार मानते हुए वट पूर्णिमा व्रत 14 जून को रखा जाएगा। वट पूर्णिमा व्रत 2022 मुहूर्त- आप सभी को बता दें कि 14 जून को वट पूर्णिमा व्रत के दिन प्रात:काल से साध्य योग बन रहा है, जो सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं इसके बाद शुभ योग का प्रारंभ हो जाएगा। वट पूर्णिमा व्रत पर बने साध्य और शुभ योग मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं। जी हाँ और वट पूर्णिमा व्रत की पूजा आप सुबह के समय में कर सकती हैं। जी दरअसल इस दिन राहुकाल शाम को 03 बजकर 51 मिनट से शाम 05 बजकर 35 मिनट तक है। वट पूर्णिमा व्रत की पूजा करते समय राहुकाल का त्याग करना उचित है। वहीं वट पूर्णिमा व्रत के दिन का शुभ समय 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है और इस समय में आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। हार्ट अटैक का कारण हो सकते हैं ये गृह, बचने के लिए करें यह उपाय 2 जून को रंभा तीज, यहाँ जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि शिव पुराण पढ़ते या सुनते समय भूल से भी न करें ये गलतियां