ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत किया जाता है.इस साल यह तिथि कल यानि 15 मई 2018 को आ रही है इसलिए कल ही वट सावित्री व्रत रखा जाएगा.इस साल इस व्रत की अमावस्या तिथि का आरंभ 14 मई 2018, सोमवार को 19:46 से हो जाएगा तथा अमावस्या तिथि समापन 15 मई 2018, बुधवार को 17:17 तक रहेगा . शास्त्रों में इस व्रत का खास महत्व है. इस व्रत को शादीशुदा स्त्रियां अपने सुहाग की लम्बी उम्र और सेहत के लिए रखती है. सावित्री और सत्यवान की कहानी तो सब जानते है पर क्या आप यह जानते है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी. इस दिन वट वृक्ष यानि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि बरगद के पेड़ में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है और एक साथ इन त्रिदेवों की पूजा करने और इनसे अपने पति की लम्बी आयु का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. पुराणों में ऐसा वर्णित है कि बरगद के पेड़ की लंबी आयु के कारण ही महिलाएं इस पेड़ की पूजा करती हैं ताकि इस वृक्ष की तरह ही उनका सुहाग भी दीर्घायु हो. इस पेड़ में काफी शाखाएं लटकी हुई होती है जिन्हें सावित्री देवी का रूप माना जाता है और इस की परिक्रमा की जाती है. जानिए क्यों 14 मई को जन्म लेने जातक होते है सफल जानिए क्यों शास्त्रों में इस जगह दीपक रखने को कहा जाता है अमावस्या को यह काम किया तो हो जाओगे बर्बाद अपने भाग्य की उलटी दिशा को बदलिए इस उपाय के द्वारा