बदलती आवश्यकताओं के हिसाब से बदलनी चाहिए शिक्षा प्रणाली - वेंकैया नायडू

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 21 वीं सदी की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की मंगलवार को वकालत की है. उन्होंने कहा है कि, ‘‘अब वक़्त आ गया है कि भारत को खुद को ज्ञान और नवोन्मेष के केंद्र के तौर पर स्थापित करे. उसके लिए हमें अलग अलग क्षेत्रों में 21वीं सदी की तेजी से बदलती आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए उच्च शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा.’’ 

उपराष्ट्रपति ने यहां ‘शिक्षा, उद्यमिता एवं नैतिकता’ विषयक डॉ राजाराम जयपुरिया स्मारक पर भाषण देते हुए यह बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि, ‘‘पाठ्यक्रम, पाठ्यचर्या और अध्यापन कला को डिजायन चिंतन और सृजनात्मकता का प्रयोग करते हुए पूरी तरह परिवर्तित करना होगा. रटंत पद्धति के स्थान पर क्रियाकलाप शिक्षण को लागू करना होगा. 

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी उचित समय पर कहीं से भी सीख सकता है. प्रौद्योगिकी ने विभिन्न माध्यमों के द्वारा दूरी की बाधा प्रभावी तरीके से ख़त्म कर दी है.’’ उन्होंने कहा है कि, ‘‘शिक्षा विकास का सबसे महत्वपूर्ण इंजन है और यह एक सबसे बेहतर उपहार है, जिसे आप सभ्यता की प्रगति और मानवता की लगातार तरक्की के लिए बच्चों और युवकों को प्रदान कर सकते हैं.’’ 

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