नई दिल्ली: नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली द्वारा भगवान राम पर बेतुका बयान दिया गया था और भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण का इल्जाम लगा गया था. ओली ने दावा करते हुए कहा था कि भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि नेपाल के वाल्मीकि आश्रम के निकट स्थित है. हम लोग आज तक इस भ्रम में हैं कि सीताजी की शादी जिस भगवान श्रीराम से हुई है, वो भारतीय हैं. भगवान श्रीराम भारत से नहीं, बल्कि नेपाल के हैं. केपी ओली के इस बयान का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने ऐतराज़ जताया है. VHP के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि भगवान श्री राम तथा भगवान पशुपति नाथ भारत एवं नेपाल के हिंदू समाज के बीच अटूट धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रिश्तों की बुनियाद हैं. आलोक कुमार ने आगे कहा कि, 'श्री राम जन्मभूमि को लेकर में धर्म-ग्रंथों, परंपरा, जनश्रुति और इतिहास में एकमत से उल्लेख है कि मौजूदा अयोध्या ही भगवान श्री राम की जन्मभूमि है और इस बारे में कहीं कोई भी दूसरा मत कभी प्रकट ही नहीं किया गया. हर साल श्री राम की बारात अयोध्या से नेपाल के जनकपुरी में जाती है. इसको लेकर भ्रम फैलाना संभव ही नहीं है.' उन्होंने कहा कि श्री राम और अयोध्या के संबंध में नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली का वक्तव्य संभवतः किसी विदेशी हुकूमत के दबाव में भारत और नेपाल के धर्मनिष्ठ हिंदू समाज के अटूट रिश्तों को तोड़ने की एक नाकाम कोशिश भर है. उनके बयान पर उनके अतिरिक्त शायद ही कोई भी अन्य व्यक्ति भरोसा करेगा. पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने से सरकार को कितना होगा लाभ ? देखें ये रिपोर्ट दुनिया के छठे सबसे रईस शख्स बने मुकेश अंबानी, दौलत में हुआ जबरदस्त इजाफा पुडुचेरी : कोरोना के 63 नए मामले मिले, कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1530 तक पहुंचा