शनिवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने प्रवासी कामगारों के समुचित आंकड़े रखने की जरूरत को रेखांकित किया ताकि अधिकारियों को उन्हें जरूरी कौशल और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि कई विकसित देशों की तुलना में भारत ने कोरोना के हालात को बेहद सराहनीय तरीके से संभाला है. डोनाल्ड ट्रम्प का दावा- भारत में अमेरिका से भी अधिक होंगे कोरोना केस आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस और उससे निपटने के तरीकों पर एक फेसबुक पोस्ट में वेंकैया ने कहा कि बदकिस्मती से इस महामारी से गरीब, दैनिक वेतनभोगी, किसान और छोटे कारोबारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. गरीबों और जरूरतमंदों खासतौर पर प्रवासी कामगारों की मुश्किलों को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई कदम उठाए हैं. उन्होंने प्रवासी कामगारों के बीच उनके कल्याण और उत्थान के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर भी बल दिया. चीन की भारत को खुली धमकी, कहा- एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे इसके अलावा कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लोगों द्वारा बरती जा रही एहतियातों का जिक्र करते हुए वेंकैया ने कहा, 'जो शुरुआत में थोड़ा विचित्र और वास्तविक लग रहा था वह नया नॉर्मल बन गया है. लेकिन जब हम जीवित रहने की अपनी सहज प्रवृत्ति से प्रेरित होते हैं तो हम भी इस नए नॉर्मल में ढल जाते हैं और यह बदलाव अब काफी सहज लगता है.' वही, उपराष्ट्रपति ने कहा, विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन लागू नहीं किया गया होता तो मरने वालों की संख्या कई गुना अधिक होती. उन्होंने चेताया कि वायरस का प्रसार रोकने में देश ने जो सफलता हासिल की है उसे अनलॉकिंग-1 में बर्बाद नहीं करना चाहिए. आगामी हफ्ते बेहद अहम हैं और इनमें आत्मसंतोष के लिए कोई स्थान नहीं है. सरकार और लोग दोनों पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि निकट भविष्य में प्रतिबंध को भुला न दिया जाए. बिहार विधानसभा को लेकर तैयारियां तेज़, कल बिगुल फूकेंगे अमित शाह राहुल गाँधी ने लॉकडाउन को बताया विफल, कहा- अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही सरकार पाकिस्तान में कोरोना का कहर जारी, अब तक 1935 लोगों की मौत