पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल हमले में दोषी को सजा दिलावाने के लिए परिजनों ने ली कोर्ट की शरण

भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की पार्टी (टीटीपी) के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान के जेल से भागने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वर्ष 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमले में मारे गए छात्रों के परिजनों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद से दखल की गुजारिश की है. परिजनों ने अपनी अर्जी में आतंकी के जेल से भागने के मामले में सरकार से जवाब मांगने के साथ ही आरोप लगाया है कि सरकार उन्हें न्याय दिलाने में विफल रही.

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इस मामले को लेकर परिजनों ने अपनी अर्जी में कहा, हमारे बच्चे आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमले में मारे गए थे. हमें यह जानकर गहरा धक्का लगा कि हमले का मुख्य आरोपित एहसानुल्ला एहसान जेल से भाग गया है. क्या वह खुद भागा है या फिर उसे कुछ शर्तो के साथ रिहा किया गया है. जब स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों की हत्या की बात उसने कुबूल ली थी तो उसे तीन साल तक क्यों जीवित रखा गया? क्या इसके पीछे किसी तरह का समझौता किया गया था?

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आपकी जानकारी के​ लिए बता दे कि सेना की हिरासत से फरार होने के बाद एहसान ने एक ऑडियो टेप जारी किया था.इसमें वह बता रहा है कि 11 जनवरी को हिरासत से भागने के बाद अब वह अपने परिवार के साथ तुर्की में है. उसने एक समझौते के तहत आत्मसमर्पण किया था,लेकिन बाद में सरकार इससे मुकर गई. एहसान पर नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर भी हमला कराने का आरोप है.

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