चेन्नई: जजों की नियुक्ति पर सरकार और सर्वोच्च न्यायालय में जारी तनातनी के बीच गरमाया विक्टोरिया गौरी का मामला SC में खारिज हो गया है। वकील एलसी विक्टोरिया गौरी को मद्रास उच्च न्यायालय का जज नियुक्त करने पर कुछ वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। उन्हें शपथ ग्रहण करने से रोकने की मांग की गई। हालांकि, आज सुबह विक्टोरिया ने हाई कोर्ट के जज के रूप में शपथ ग्रहण की है। दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय का सर्कुलर पहले ही जारी हो चुका था। विक्टोरिया को न्यायाधीश बनाने से रोकने के मामले में भाजपा कनेक्शन भी सामने आया था। बता दें कि, शीर्ष अदालत में दाखिल की गई याचिका में भाजपा से उनके जुड़ाव और मुस्लिम-ईसाई समुदाय के खिलाफ दिए गए बयानों का उल्लेख किया गया था। मद्रास उच्च न्यायालय के तीन वकीलों ने याचिका दाखिल की थी, किन्तु शीर्ष अदालत ने इन तर्कों को नहीं माना। याचिकाकर्ताओं ने एक अपुष्ट अकाउंट से 2019 में किए गए ट्वीट का उल्लेख किया था। इसके अनुसार, विक्टोरिया भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव रही हैं। इतना ही नहीं, विरोध का आधार विक्टोरिया के दो कथित साक्षात्कार भी थे, जिनमें उन्होंने मुस्लिमों और ईसाई समुदाय के खिलाफ बयान दिए थे। इससे पहले केंद्र सरकार ने गौरी सहित 13 नाम उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्ति के लिए क्लियर किए थे। अब तक वकील गौरी मदुरै बेंच में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में केंद्र सरकार का पक्ष रखती आ रही थीं। मद्रास हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के कुछ वकीलों ने प्रधान न्यायाधीश को लिखकर उनका विरोध किया था। वकीलों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुस्लिम और क्रिश्चियन कम्युनिटी के खिलाफ एडवोकेट ने कई विवादित बयान दिए हैं। गिरफ्तार होंगी राणा अय्यूब ! समाजसेवा के नाम पर करोड़ों जुटाए और अपने परिवार में बाँट दिए 'कांग्रेस तपस्वियों की पार्टी, योगी आदित्यनाथ मामूली ठग..', राहुल गांधी का विवादित बयान राहुल गांधी ने HAL को लेकर क्यों फैलाया था झूठ ? 4 साल बाद सामने आई सच्चाई !