इंदौर: इंदौर शहर की पावन धरा पर पहली बार माँ नर्मदा पुराण का आयोजन किया गया, आपको बता दे कि श्रीमद जगतगुरु शंकराचार्य श्री ज्योतिपीठ बद्रिका आश्रम उत्तराखंड हिमालय के कृपा पात्र शिष्य श्री बाल ब्रह्मचारी दंडी स्वामी हेमेन्द्रानन्द जी सरस्वती द्वारा इंदौर में पहली बार माँ नर्मदा पुराण का भव्य आयोजन किया गया। 16 अगस्त से शुरू हुए इस आयोजन का आज यानी 20 अगस्त को समापन होगा, जिसमे हजारों के आँकड़े में भक्त जन उपस्थित होंगे। तो आइये आज आपको बताते है कौन है कथा वाचक हेमेन्द्रानन्द जी सरस्वती दण्डी स्वामी? और नर्मदापुराण का महत्व... कौन है हेमेन्द्रानन्द जी सरस्वती दण्डी स्वामी? हेमेन्द्रानन्द जी सरस्वती दण्डी स्वामी जी का कहना है कि वह दंडी वासी है। स्वामी जी का कहना है कि वह श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य शिष्य हैं। नर्मदा पुराण का महत्व:- स्वामी जी का कहना है कि वह दंडी वासी है। वह दंडी वासियों का चैत्र मास का व्रत होता है उनका व्रत गुरु पूर्णिमा से लेकर भादो मास की पूर्णिमा तक रहता है उनका कहना है की मां नर्मदा कलयुग की जीवनदायिनी है। हमारे वेदों में 18 पुराण है, 18 पुराण में से स्कंद महापुराण है ‌ स्कंद महापुराण में से 81000 श्लोक है 81000 लोगों में से बीच में आता है रेवा खंड। रेवा खंड में से 119 अध्याय मां नर्मदा के आते हैं। स्वामी जी का कहना है कि गंगा जमुना सरस्वती वेदवती यह सारी देव नदियां हैं परंतु मां नर्मदा का महत्व वेद में अधिक बताया गया है। मां नर्मदा का नाम नर्मदा इसीलिए पड़ा क्योंकि वह कभी नहीं मरती है। मां नर्मदा हमारे मध्य प्रदेश के ही अमरकंटक पर्वत से निकली है मां नर्मदा का अमरकंटक से उद्गम होता है तथा होते हुए वह गुजरात जाती है। वेदों में कहना है कि मां नर्मदा के दर्शन मात्र से ही मनुष्य पवित्र हो जाता है इस कलयुग की मोक्षदायिनी है। माँ नर्मदा और नर्मदा पुराण का महत्व आप स्वामी जी से जानिए... न्यूजट्रैक की टीम को उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए जो आप नीचे देख सकते है इनमे आपको नर्मदापुराण की महत्वत्ता से लेकर कई ऐसी चीजे जो आपको शायद ही पता हो उनके बारे में बताया गया है... शराब कारोबारी ने दिए थे 1 करोड़, मनीष सिसोदिया मुख्य आरोपी- CBI की FIR में खुलासा राजीव गांधी की याद में मनाया जाता है सद्भावना दिवस, आतंकियों ने कर दी थी PM की हत्या एफ़टीएक्स क्रिप्टो कप शतरंज में प्रग्गानंधा अपने नाम की एक और जीत