फर्श पर गिरा पड़ा था कोरोना मरीज, प्रशासन में हड़कंप

झारखंड के सबसे विशाल चिकित्सालय रिम्स के इंटीग्रेटेड कोरोना सेंटर के भीतर की अव्यवस्था की फोटो सामने आई है. यह फोटो एक कोरोना पॉजिटिव रोगी के फैमिली मेंबर ने भेजी है. परिजन का आरोप है कि कैंसर पीड़ित मरीज की कीमोथेरेपी से पहले कोरोना टेस्ट कराई गई. जिसमें पॉजिटिव मिलने पर उसे कोरोना वार्ड में एडमिट कराया गया. जहां बिस्तर से गिर जाने पर रोगी को कोई उठाने वाला नहीं था.

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बता दे कि रिम्स कोविड सेंटर के भीतर एक कोरोना पॉजिटिव रोगी की लाचारी और चिकित्सालय के डॉक्टर-कर्मचारी की लापरवाही वाला दृश्य किसी को भी हिलाकर रख सकता है. जब यह वीडियो वायरल हुआ तो सीएम हेमन्त सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और रिम्स को पूरे केस की पड़ताल करने और कोरोना सेंटर की स्थिति सुधारने के आदेश दिए.

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इसके अलावा रिम्स ने इस केस की पड़ताल के लिए तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के पश्चात दोषियों के विरूध्द जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जाएगी. अधीक्षक ने भरोसा दिलाया कि आगे से ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसकी भी व्यवस्था की जाएगी.हालांकि कोविड सेंटर के डॉक्टर देवेश का कहना है कि चाहे रिम्स या फिर अन्य कोई मेडिकल कॉलेज, अव्यवस्था के लिए सरकार जिम्मेवार होता है. वही, यह पहली बार नहीं है जब रिम्स कोविड-19 सेंटर की लापरवाही उजागर हुई है. इससे पहले भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के परिजनों ने वीडियो बनाकर लापरवाही और अमानवीय स्थिति को उजागर किया था. तब मामले की लीपापोती कर दी गयी थी. रिम्स के अलावा अन्य कोरोना चिकित्सालय की अव्यवस्था और लापरवाही वक्त-वक्त पर सामने आती रही हैं. किन्तु हर बार केस की गोलमोल जवाब मिलता है.

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