रतलाम। विद्याभारती मालवा द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य/प्राचार्य योजना बैठक के द्वितीय दिवस पर विद्याभारती अखिलभारतीय शिक्षा संस्थान के अखिलभारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर , सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा के प्रान्तीय उपाध्यक्ष तरुण शाह एवं प्रान्तीय सहसचिव हिना नीमा की गौरवमयी उपस्थिति में वंदना सत्र सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर महामंत्री भटनागर ने सहभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम जो 3-4दिन के यहाँ बैठकर जो विचार कर रहे हैं उसे "कार्य योजना बैठक"नाम दिया गया है । सामुहिक बैठकर अपने कार्य पर चिंतन करना, सामुहिक निर्णय लेना और फिर उसका क्रियान्वयन करना हमारे संगठन की विशेषता है । कार्य करते समय हमे अनेक प्रकार की चुनौतियाँ का सामना करना पड़ता है । हमे उन चुनौतियों का प्राथमिकता से सामना करना चाहिए । कार्य योजना में कार्य, कार्यकर्ता और कार्यक्रम पर विचार किया जाता है । कार्य की योजना बनाते हैं तो उस समय कार्यक्रम सामने आते है, कार्यक्रम के अभाव से कार्य में दुर्लक्ष्य की स्थिति बन सकती है । आयोजन के पूर्व कार्य, कार्यकर्ता और कार्यक्रम पर विचार करना हमारी कार्य पद्धति है। वैश्विक महामारी कोरोना की संकटकालीन परिस्थिति से पूर्व और अब उसके बाद कि स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन करने पर अनेक परिवर्तित स्थितियाँ हमारे सामने नजर आती है । छात्र संख्या , विद्यालयों की आर्थिक स्थिति , आचार्यों की आवश्यकता , बंद हुए विद्यालयों को पुनर्जीवित करना आदि । पाठ्यक्रम निर्धारण कर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराना इसके बाद शिक्षण, परीक्षा और परीक्षा परिणाम की घोषणा कर देने तक ही पर्याप्त नही है। विद्याभारती को केवल विद्यालयों का संचालन ही नही करना है उसे अपने लक्ष्य अनुसार एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास भी करना है । विकास कुछ सीमित समय मे ही नही हो जाता यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है । हमारी नेतृत्व क्षमता और हमारी कृतत्व क्षमता जितनी अच्छी होगी उतना ही अधिक हम लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगें । साथ-साथ कार्य करते समय बिना किसी कारण के भी आपसी संघर्ष की स्थिति बन जाती है। नेतृत्व क्षमता और संवादों के माध्यम से हमे ऐसी परिस्थियों पर ध्यान रखना चाहिए। आज से मध्यप्रदेश विधान सभा का शीतकालीन सत्र होगा शुरू आउटसोर्स कर्मचारी से कमलनाथ ने की मुलाकात, ठेके की परंपरा को बताया गलत मध्यप्रदेश में आने वाले चुनाव को लेकर भाजपा ने की बैठक