लंदन: शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने को लेकर अनिश्चिता बरक़रार है. भारतीय जांच एजेंसियों ने उस रिपोर्ट का खंडन कर दिया है कि विजय माल्या को कभी भी मुंबई लाया जा सकता है. सरकार के सीनियर सूत्रों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिटेन की ओर से भारत को इस संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है. असल में, कहा जा रहा था कि विजय माल्या कभी भी भारत लाया जा सकता है. किन्तु सरकारी सूत्रों ने इन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है और उनका कहना है कि उन्हें अभी इस सिलसिले में ब्रिटिश प्रशासन की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है. यह सवाल किए जाने पर कि विजय माल्या को कब प्रत्यर्पित किया जा सकता है?, इस मामले पर करीब से निगाह रखने वाले एक सीनियर अफसर ने बताया है कि, “हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि ब्रिटेन के गृह सचिव ने दस्तावेजों पर दस्तखत किए हैं या नहीं. जब तक दस्तावेजों पर दस्तखत नहीं हो जाते हैं या हमें मामले की स्थिति के संबंध में सूचित नहीं किया जाता है, तब तक यह अनुमान लगाना कठिन होगा कि विजय माल्या को कब प्रत्यर्पित किया जा सकता है.” प्रत्यर्पण अधिनियम के अनुसार, विजय माल्या को भारत भेजने को लेकर दस्तावेजों पर ब्रिटेन के गृह कार्यालय सचिव के हस्ताखर की आखिरी तारीख 11 जून 2020 है. इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही है कि विजय माल्य ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगे जाने को लेकर अर्जी दे सकता है. लेकिन मीडिया को सूत्रों ने बताया कि न तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और न ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) को ब्रिटेन के गृह कार्यालय से इस बारे में कोई सूचना मिली है. ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग को भी इसे लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है. कोरोना के नाम पर मानवाधिकारों का हनन कर रहे भारत-चीन जैसे कई देश- संयुक्त राष्ट्र लैरी वॉल्श का प्रोस्टेट कैंसर से हुआ निधन, डेनिस विन्फ्रे ने दिया भावुक बयान भारत-चीन विवाद के बीच आया रूस का बयान, दिया अहम सन्देश