कानपूर शूटआउट : जानिए महाकाल की शरण से लेकर एनकाउंटर तक क्या-क्या हुआ विकास दुबे के साथ ?

उत्तर प्रदेश के कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे कल नाटकीय ढंग से उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में पकड़ाया गया और फिर शाम के समय उसे कानपुर की एसटीएफ टीम को सौंप दिया गया था, जहां रास्ते में गाड़ी पलटने के दौरान विकास ने भागने की कोशिश की और पुलिस ने उसका वहीं पर एनकाउंटर कर दिया, जहां विकास दुबे मारा गय। आइए अब जानते हैं इन सबके बीच की कहानी कि आखिर विकास की गिरफ्तारी से लेकर उसके ढेर होने के दौरान क्या-क्या हुआ ?

फ़िल्मी अंदाज में विकास 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा। जहां फूल वाले से उसने महाकाल के दर्शन करने के संबंध में जानकारी मांगी। इस दौरान फूल वाले को उस पर शक हुआ और उसने पुलिस को इसकी जानकारी दी। आगे विकास ने महाकाल के दर्शन के लिए 250 रु की पर्ची कटाई और फिर वह परिसर में दाखिल हुआ। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड ने भी उस पर शक जताया। बाद में पुलिस और मंदिर के गार्ड ने उस पर नज़र रखीं और बाहर आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार होने के बाद विकास ने खुद चिल्लाते हुए कहा कि मैं विकास दुबे हूँ कानपुर वाला। 9 जुलाई को सुबह गिरफ्तारी के बाद विकास को थाने ले जाया जाता है और उससे 8 घंटे लंबी पूछताछ की जाती है। इसमें विकास ने कई खुलासे किए। शाम के समय एमपी पुलिस ने विकास को एसटीएफ टीम को सौंप दिया। 

विकास दुबे को लेकर यूपी की एसटीएफ टीम सड़क मार्ग से कानपुर के लिए रवाना हुई। हालांकि इस दौरान रास्ते में गाड़ी पलट गई और इस दौरान पुलिस से विकास ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान यह दांव उलटा उस पर भारी पड़ गया और जवाब में पुलिस ने विकास पर गोली चला दी। जहां उसकी मौत गई। 

 

 

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