दुनिया में कई तरह की परम्परा निभाई जाती है और कुछ ऐसी परंपरा होती है जिसे सुनकर आपको भी हैरानी हो सकती है. आज हम ऐसी ही एक परम्परा के बारे में बताने जा रहे जहां पूरा गांव खाली हो जाता है. एक ऐसी परंपरा की दिन निकलने से पहले ही पूरा गांव खाली हो जाता है और दिन ढलने के साथ ही नियमानुसार पूजा पाठ करने के बाद भी गांव के लोग अपने घरों में वापस जाते हैं. यह परंपरा नई नहीं है बल्कि सैकड़ों सालों से चली आ रही है जिसे आज भी गांव के लोग निभा रहे हैं. कहा जाता है कि चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, किसी भी धर्म के हो सभी लोग एक साथ मिलकर इस परंपरा को कायम किए हुए हैं, जिसे लोग परावन के नाम से जानते हैं. आपको इसके बारे में बता दें कि सिसवा बाजार से पश्चिम की तरफ 2 किलोमीटर दूर ग्रामसभा बेलवा चौधरी गांव में पिछले सैकड़ों सालों से यह परावन की परंपरा हर तीसरे साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन मनायी जाती है, सूर्य निकलने से पहले ही गांव के हर घरों में ताले लग जाते हैं. यानि सभी गांव खाली कर देते हैं. इसके पीछे एक कथा भी है. कहानी: इस परावन के पीछे जो दंतकथा है उसके अनुसार कुछ साधु गांव में आए हुए थे और लोगों से खाना बनाने की लकड़ियां मांगे लेकिन किसी ने उन्हें लकड़ियां नहीं उपलब्ध कराई, ऐसे में वह फसलों की मड़ाई करने वाली मेह को जलाकर भोजन बना लिए, गांव वालों ने जब इसका विरोध किया तो साधुओं ने कहा कि आज के बाद इस गांव में मड़ाई के लिए मेह की जरूरत नहीं पड़ेगी तभी से इस गांव में मड़ाई करते समय बालों को मेह की आवश्यकता नहीं पड़ती है. बैल स्वयं गोल गोल घूमते रहते हैं, इस के साथ साधुओं ने यह भी कहा कि हर तीसरे साल बुद्ध पूर्णिमा के रोज आप लोग गांव खाली कर दीजिएगा, नहीं खाली करने पर अनहोनी हो सकती है, इसी परंपरा का निर्वहन आज भी गांव के लोग करते चले आ रहे हैं, वहीं कुछ युवा पीढ़ी के लोगों का मानना है कि पहले प्लेग जैसी तमाम बीमारियां होती थी कि गांव का गांव इसकी चपेट में आ जाता था, ऐसे में उन बीमारियों से बचने के लिए गांव खाली करने की परंपरा रही होगी जो आज भी परावन के रूप में जारी है. चाहे जो भी हो लेकिन इतना तो है की सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा को हिंदू मुस्लिम सभी एक साथ मिलकर मनाते चले आ रहे हैं. आज भी कुछ ऐसा ही मनाया जाता है. न्यूड होकर साफ़-सफाई करने के बदले ये कंपनी दे रही 4100 रुपये प्रतिघंटा इस देश में बच्चे खुलेआम करते हैं सेक्स, नहीं है कोई रोकटोक 13 साल के लड़के को हुई अजीबोगरीब बीमारी, पूरे चेहरे पर उग आए बाल