चेन्नई: तमिलनाडु के विल्लूपुरम जिले से हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है कि जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे. जी दरअसल यहां के स्थानीय लोगों ने कोरोना पीड़ित के शव को दफनाने से साफ़ साफ़ ना कह दिया है. बताया जा रहा है, जब एंबुलेंस शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए जाने लगी तब लोगों ने उसे रास्ते में रोक लिया और बहुत समय तक उनके सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों का एक बड़ा समूह शव दफनाने का विरोध करने में शामिल रहा. बताया जा रहा है इस घटना के बारे में राजस्व अधिकारियों ने बात की. उन्होंने कहा कि, 'लोगों ने पहले तो विरोध किया लेकिन बाद में जाने में भी अड़ंगा डालने लगे. विरोध करने वाले लोगों ने ट्रैक्टर और कचरे का एक बड़ा डिब्बा लगा कर रास्ते पर एंबुलेंस को रोक दिया. एंबुलेंस ने दूसरा रास्ता अख्तियार किया तो वहां भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने यहां भी रास्ते की खुदाई कर दी थी जिसके कारण एंबुलेंस आगे नहीं बढ़ सकी.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'स्थिति यह हो गई कि रेवेन्यू अधिकारियों को मृतक के परिजनों के साथ एंबुलेंस में कई घंटे तक इंतजार करना पड़ा.' बताया जा रहा है उसके बाद भी लोगों ने वहां से जाने का रास्ते नहीं दिया. फिर पेरियाकेंता गांव में शव ले जाकर दफनाया गया. इस पूरे मामले के बारे में बात करें तो कुछ दिन पहले ही 52 साल के इस व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उसी के बाद उन्हें तिरुवन्नामलई सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया था. वहां उनकी हालत दिन पर दिन बिगड़ती चली गई. मरीज की स्थिति को देखते ही उसे प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवाया गया लेकिन वहां इलाज के दौरान वह मर गया. बताया जा रहा है मरीज का परिवार मृतक का अंतिम संस्कार अपने गांव मेलेदयलम में करना चाहता था लेकिन वहां रहने वाले लोगों ने विरोध किया. उसके बाद शव को पेरियाकेंता गांव में दफनाना पड़ा. सामने आईं राणा दग्गुबाती-मिहीका बजाज की हल्दी सेरेमनी की तस्वीरें कोरोना को रोकने के लिए योगी सरकार का बड़ा ऐलान, अब मरीजों को दी जाएगी आइवरमेक्टिन दक्षिण भारत में भारी बारिश का अनुमान, यूपी-बिहार में गिर सकती है बिजली