इस गाँव में रहते हैं कईं 'मांझी- द माउंटेन मैन'

धनबाद: 2015 में आई अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की फिल्म ' मांझी-द माउंटेन मेन ' ने काफी को आकर्षित किया था. इस फिल्म में दशरथ मांझी एक विशालकाय पहाड़ को छैनी-हथोड़ी जैसे छोटे औज़ारों से काट कर रास्ता बना देता है. यह फिल्म सत्य घटना पर आधारित थी. इसमें दशरथ मांझी को झारखण्ड के एक गाँव का बताया गया था, लेकिन अभी भी झारखण्ड में एक ऐसा गाँव है, जहाँ एक नहीं कई दशरथ मांझी अभी भी रहते हैं.

यह गाँव है धनबाद जिले का भेलवाबेड़ा टोला, जहाँ हाथों में टोकरी, बेलचा, डलिया लिए बच्चे, महिलाएं, युवक और बुजुर्ग, एक ही सपना देखते हुए अपने काम में लगे रहते हैं,  कि पहाड़ का सीना चीरकर सड़क बनानी है. पश्चिमी टुंडी के पहाड़ों के बीच नक्सल प्रभावित मछियारा पंचायत के बाघमारा गांव से टोला तक सड़क बन रही है. प्रशासन ने जब टोले की उम्मीदों को रौंद दिया तो गांववालों ने खुद ही सड़क बनाने की ठान ली.

इस बीहड़ में केवल आदिवासी जनजाति समुदाय के लोग रहते हैं, यहाँ की आबादी करीब 300 के आसपास है, कुल 43 जनजातीय परिवार यहां रहते हैं पर, इलाके में सड़क नहीं है.  ग्रामीण हमेशा से पगडंडी से आवाजाही करते हैं, गत माह गांव के छुटूलाल हांसदा की मौत हो गई, उसे एंबुलेंस की जगह खाट पर इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, पर सड़क न होने की वजह से, वक्त रहते वह अस्पताल नहीं पहुंच सका और उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. जिसके बाद गाँवालों ने सड़क बनाने की ठान ली, यह गाँव वालों की मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि सड़क 90 प्रतिशत बन चुकी है और ग्रामीणों के चेहरे पर किसी विजेता की तरह चमक है. 

मुंहबोले भाई से करती थी प्रेम, परिजनों ने कर दी हत्या

झारखण्ड का पैसा लूटकर कर्नाटक भेज रहे रघुबर- झामुमो

भीषण जलसंकट से जूझता झारखण्ड

 

Related News