आज है विनायकी चतुर्थी, इस विधि से करें गणेश भगवान की पूजा

आप सभी को बता दें कि आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. ऐसे में आज मंगलवार है और आज 9 अप्रैल को विनायकी चतुर्थी भी है. जी हाँ, मंगलवार को ये चतुर्थी होने से इसे विनायकी चतुर्थी भी कहते हैं. वहीं कुछ लोग इस तिथि पर गणेशजी के लिए व्रत करते हैं और इस दिन चंद्र दर्शन करने के बाद गणेश पूजा की जाती है और पूजा के बाद भोजन ग्रहण करते हैं. ऐसे में इस दिन गणेश जी की पूजा में गणेशजी के 12 नाम मंत्र का जाप करना सबसे शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं उन मन्त्रों को.

गणेशजी को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाएं और दूर्वा चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप करना शुरू करें-  ऊँ गणाधिपतयै नम:, ऊँ उमापुत्राय नम:, ऊँ विघ्ननाशनाय नम:, ऊँ विनायकाय नम:, ऊँ ईशपुत्राय नम:, ऊँ सर्वसिद्धप्रदाय नम:, ऊँ एकदन्ताय नम:, ऊँ इभवक्त्राय नम:, ऊँ मूषकवाहनाय नम:, ऊँ कुमारगुरवे नम:

गणेशजी की पूजा विधि - गणेश चतुर्थी पर स्नान के बाद सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें और फिर इसके बाद भगवान श्रीगणेश को जनेऊ पहनाएं. अब अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। पूजा का धागा अर्पित करें और चावल चढ़ाएं. अब इसके बाद गणेश मंत्र बोलते हुए दूर्वा चढ़ाएं और लड्डुओं का भोग लगाएं और कर्पूर से भगवान श्रीगणेश की आरती करें. वहीं पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांट दें और अगर संभव हो सके तो घर में ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इसके बाद दक्षिणा दें और ध्यान रहे गणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले व्यक्ति को शाम को चंद्र दर्शन करना चाहिए, पूजा करनी चाहिए. वहीं इसके बाद ही भोजन करना चाहिए.

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