विनोद खन्ना की ये आखरी ख्वाहिश रह गयी अधूरी

हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना का आज जन्मदिन है. 27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना का ब्लैडर कैंसर की वजह से निधन हो गया था. लेकिन मरने से पहले उनकी खवाइश थी जो अधूरी हुई रह गयी. दरअसल मरने से पहले विनोद खन्ना पाकिस्तान के पेशावर स्थित अपने पुश्तैनी घर को देखना चाहते थे, लेकिन उनकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी.

खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में सांस्कृतिक धरोहर परिषद के महासचिव शकील वहीदुल्ला ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान विनोद खन्ना से मुलाकात की थी. उन्होंने बताया था कि अपने ऑटोग्राफ में खन्ना ने पेशावर के लोगों को शुभकामनाएं दी थीं और अपने पुश्तैनी शहर की यात्रा करने की इच्छा जताई थी. उन्होंने यह भी बताया कि विनोद खन्ना उस इलाके को देखने के लिए पेशावर जाना चाहते थे जहां उनके माता-पिता और पूर्वज रहते थे. उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा करने के लिए आग्रह किया था, लेकिन उनको इसमें सफलता नहीं मिल सकी.

दरअसल पेशावर में विनोद खन्ना का पुश्तैनी घर है और ऑल पाकिस्तान वूमेंस एसोसिएशन द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. आपको बता दे 6 अक्टूबर, 1946 में विनोद खन्ना का जन्म पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन विभाजन के बाद इनका परिवार मुंबई आकर बस गया था. विनोद के पिता किशनचन्द्र खन्ना एक बिजनेसमैन थे और माता कमला खन्ना हाउसवाइफ थी.

विनोद खन्ना ने बॉलीवुड को कई सुपरहिट फिल्मे भी दी है. उन्होंने 'मेरे अपने', 'कुर्बानी', 'पूरब और पश्चिम', 'रेशमा और शेरा', 'हाथ की सफाई', 'हेरा फेरी', 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी कई शानदार फिल्में की हैं. विनोद एक ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्मो में विलेन के तौर पर की थी और बाद में वह बाद में हीरो बन गए. विनोद खन्ना ने 1971 में सोलो लीड रोल में फिल्म 'हम तुम और वो' में भी काम किया था.

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