इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शुक्रवार को छात्रों ने उत्पात मचाकर तोड़फोड़, बसों और कारों में आगजनी कर पूरे शहर को जो अराजकता की चपेट में ले लिया उसने योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए,हालाँकि हॉस्टल के इन छात्रों के बीच विवाद का कारण पता नहीं चला है, लेकिन व्यक्तिगत झगड़े में पूरे शहर को अराजकता में बदल देने की इजाजत इन छात्रों को किसने दी यह सवाल का जवाब पूछा जाना चाहिए. बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर से शुरू हुआ बवाल थोड़ी ही देर में आस पास के इलाके में फ़ैल गया और देर रात तक जमकर बवाल मचा .छात्रों ने प्रोफेसर की कार , स्कूल की बस व सरकारी बस में भी आग लगा दी.बवाल करने वालो में अधिकांश केपीयूसी, ताराचंद, हॉलैंड हॉल, एनएन झा समेत सभी हॉस्टलों के छात्र रहे. जिन्होंने सड़क पर उतर कर खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए उत्पात मचाया. यही नहीं छात्रों ने कमिश्नर आवास के सामने गांधी भवन के पास खड़ी इविवि के प्रोफेसर एके राय की कार में आग लगा दी. पुलिस कमिश्नर आवास की तरफ भी छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया.हालात इतने बेकाबू हो गए कि एसएसपी को खुद मोर्चा संभालना पड़ा. हालाँकि छात्रों के इस उत्पात के दौरान पुलिस ने भी हालात नियंत्रित करने के लिये जमकर लाठियां बरसाईं .इससे बड़ी संख्या में छात्र घायल भी हुए हैं, जिन्हे इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है.पुलिस ने छात्रसंघअध्यक्ष रोहित मिश्र व अन्य नेताओ को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि आधी रात तक गिरफ्तारी का क्रम जारी रहा.कई थानों की पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान हॉस्टलों के बाहर तैनात किए गए है. पूरे क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. यह भी देखें सस्‍पेंड किए गए दुष्‍कर्म आरोपी गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले जज हाईकोर्ट ने लगाई गायत्री प्रजापति की जमानत पर रोक