शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्वर्ण आयोग के गठन को कानूनी मान्यता देने की मांग करते हुए आज बुधवार को देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने हिंसक प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी जब विधानसभा का घेराव करने के लिए संकटमोचन के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिगेट्स तोड़ दिए. इस दौरान दोनों में जमकर हिंसा हुई. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाज़ी की. इस हमले में शिमला के SSP सुशील कुमार समेत चार जवान घायल भी हो गए. उनके सिर में गंभीर चोट आई है. जिला प्रशासन ने शिमला में धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही राजधानी में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. शिमला में वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि धारा 144 लागू होने के बाद भी प्रदर्शन जारी है. पुलिस और जिला प्रशासन ने प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को लेकर अलर्ट कर दिया था, जिसमें लोगों से शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शहर में गैरजरूरी यात्रा से बचने के लिए कहा गया था. प्रदर्शन और बाहरी वाहनों की आवाजाही रुक जाने की वजह से 10 किमी तक लंबी वाहनों का जाम लग गया है. बता दें कि देवभूमि क्षत्रिय संगठन के शिमला में कल बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दे रखी है. दावा किया जा रहा कि प्रदेश सचिवालय के घेराव के लिए पूरे राज्य से एक लाख लोग प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे. प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं कि जब तक CM प्रदर्शनकारियों के बीच आकर स्वर्ण आयोग के गठन की घोषणा नहीं करेंगे तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. पाक पीएम इमरान खान को विपक्षी राजनीतिक दलों की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने गडकरी से NH-45 रोड को फिर से जोड़ने के लिए धन की कमी का आग्रह किया 'The Kashmir Files' को लेकर दिल्ली पुलिस अलर्ट पर, सिनेमाघरों के पास सुरक्षा बढ़ी