टीवी का जाना माना शो विष्णु पुराण में अब तक आपने देखा असुरराज हिरण्यकश्यपु का बेटा प्रह्लाद नारद मुनि से शिक्षा लेकर माता कयादु के साथ महल वापस लौटता है। परन्तु हिरण्यकश्यपु उसे असुरी शिक्षा ग्रहण करने के लिए दैत्य गुरु शुक्राचार्य के आश्रम भेज देता है। इसके अलावा जहां प्रह्लाद की शिक्षा आरंभ होती है। इसके साथ ही विष्णु पुराण में आज के एपिसोड में आपने देखा असुरराज हिरण्यकश्यपु को इस बात का अंदाजा नहीं होता कि उसका बेटा भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त है परन्तु जब उसे यह ज्ञात होता है तो वह उसके मुख से भगवान विष्णु का नाम भी नहीं सुनना चाहता। इसलिए, यह जानने के बाद कि उसका बेटा भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है हिरण्यकश्यपु उसे मारने का प्रयास करता है। प्रह्लाद को मारने का पहला प्रयास हिरण्यकश्यपु के दरबार में ही कयादु की उपस्थिति में किया जाता है। इसके अलावा हिरण्यकश्यपु ने अपने मंत्रियों को अपने तलवारों से प्रह्लाद को मारने की आज्ञा दी परन्तु उनका कोई भी हथियार प्रह्लाद के शरीर पर खरोंच भी नहीं लगा पाया।इसके बाद, हिरण्यकश्यपु ने अपने एक मंत्री को प्रह्लाद को एक पर्वत के शिखर से धक्का देने के लिए कहा। परन्तु फिर से भगवान विष्णु ने अपने भक्त को बचा लिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें की हिरण्यकश्यपु ने अपने एक साथी स्वरभानु की मदद से प्रह्लाद के भोजन में जहर खिलाकर मारने को कहता है। परन्तु इस दौरान भगवान शिव ने प्रह्लाद के भोजन में मिलाए गए विष का सेवन करके प्रह्लाद को बचाया। वहीं प्रह्लाद सबकुछ छोड़कर जंगल की ओर चल पड़ा। वहीं जंगल में भूखा प्यासा रहकर भी प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी। वहीं अपनी भक्ति के कारण आगे चलकर वह भगवान विष्णु के प्रिय भक्त के रूप में विख्यात हुआ। आपकी जानकारी के लिए बता दें विष्णु पुराण का प्रसारण डीडी भारती पर शाम सात बजे किया जाता है। वहीं 'विष्णु पुराण' में किंशुक वैद्य ने प्रह्लाद का किरदार निभाया था। 'नागिन 5 में असीम रियाज़ नहीं नजर आएगा यह शख्स 'मेरी गुड़िया' के मेकर्स ने शो को बंद करने का लिया फैसला कोरोना से लड़ रहे डॉक्टर को कुर्सी पर सोता देख मोहिना कुमारी ने किया सलाम