नई दिल्ली : सउदी अरब व कुवैत में रह रहे हजारों भारतीयों की नौकरियां छीन चुकी है, कइयों को कई माह से वेतन नहीं मिला है और साथ कई कंपनियां भी बंद हो गई है। ऐसे में वहां रहने वाले भारतीय भूखे मरने को विवश है। भारत सरकार उन्हें शिविरों में भोजन उपलब्ध करा रही है। सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा मे कहा कि भारत सरकार इन दस हजार क्षमिकों की भारत वापसी के लिए प्रयास में लगी हुई है। मंगलवार को विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह इस प्रक्रिया की शुरुआत के लिए सउदी जाएंगे। स्वराज ने कहा कि कुवैत में हालात फिर भी काबू में है, लेकिन सउदी में हालात बदतर है। उन्होने कहा कि कोई भी भारतीय खाने से वंचित नहीं रहेगा। मैं खुद व्यक्तिगत रुप से हर घंटे इसकी निगरानी कर रही हूं। लोकसभा में सुषमा ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद संतोष हो रहा है कि बेरोजगार हुए श्रमिकों के लिए अगले दस दिनों का राशन शिविरों में पहुंचा दिया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि यह समस्या का स्थाई हल नहीं है, क्यों कि कंपनियां बंद करके मालिक भाग गए है। ऐसे में हम उन्हें वहां नहीं छोड़ सकते। हमने वहां के विदेश व श्रम विभाग से संपर्क किया है। विदेश विभाग से कहा गया है कि वे श्रमिकों को सउदी से वापस लाने के लिए हमें अधिकृत करें। सुषमा ने सदन को बताया कि उनके वेतन भी बाकी हैं, इसलिए मैंने श्रम विभाग से कहा है कि प्रत्येक श्रमिक एक अनुबंध पत्र पर दस्तखत करेगा। सऊदी सरकार को बकाए का भुगतान करने से पहले कंपनी को इन श्रमिकों को भुगतान करना चाहिए। वी के सिंह के रियाद पहुंचते ही सारी औपचारिकताएं शुरु हो जाएगी। बता दें कि वैश्विक बजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से सऊदी अरब के निर्माण उद्योग में मंदी छा जाने के बाद वहां की एक प्रमुख कंस्ट्रक्शन कंपनी ओगर बंद हो गई है, जिससे हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।