नई दिल्ली. टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने 5G कनेक्टिविटी के ट्रायल के लिए चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी हुवावे के साथ साझेदारी की है. हुवावे के साथ मिलकर वोडाफोन ने MIMO तकनीक के लिए रेडियो बेस स्टेशन तैयार किया था. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि 5जी तकनीक 2020 में हमारे सामने आ सकती है. उस समय आज का कोई भी स्मार्टफोन उस तकनीक का उपयोग नहीं कर सकेगा। मोबाइल निर्माताओं के सामने 5जी सपोर्टेड मोबाइल बनाने की भी एक बड़ी चुनौती रहेगी. इस तकनीक से आपकी डेटा स्पीड 100 गीगाबाइट्स प्रति सैकेण्ड तक पहुंच जाएगी. इसका मतलब ये होगा की सौ फिल्में एक साथ एक सैकेण्ड में डाउनलोड हो सकेगी. 5जी तकनीक में न्यू रेडियो एक्सेस (एनएक्स), नई पीढ़ी का एलटीई एक्सेस तथा बेहतर कोर नैटवर्क होगा. इससे डाटा के तीव्र आदान-प्रदान के साथ ही इन फोनों पर इंटरनेट ऑफ थिंग्स या आई.ओ.टी. की सुविधा भी मिल सकेगी. फिलहाल अभी तक 3जी और 4जी का दौरा चल रहा है और 5जी तकनीक पर बहुत तेजी से काम हो रहा है. भारत सरकार भी 5जी के लिए रास्ता तैयार करने की योजना बना रही है. वर्तमान में, देश में न्यूनतम अनिवार्य इंटरनेट की गति सिर्फ 512 केबीपीएस है जो कि वैश्विक गति से कहीं कम है जो करीब 50-70 एमबीपीएस पर है. इन ऐप्स के जरिए मिनटों में करें डाटा ट्रांसफर शाओमी ने घटाई Mi Air Purifier 2 की कीमत बिना Seen के भी ऐसे देखें Whatsapp के मैसेज