वोडाफोन टैक्स केस: अटॉर्नी जनरल ने केंद्र को नहीं दिया था कोई सुझाव

वोडाफोन टैक्स केस में वित्त मंत्रालय ने साफ़ किया है कि केंद्र सरकार मध्यस्थता केस कानूनी उपाय सहित सभी विकल्पों पर सोच रही है। मंत्रालय ने कहा है कि कई जानकारियां सामने आ रही हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सेंट्रल गवर्मेंट को वोडफोन के विरुद्ध आग्रह नहीं करने की सलाह दी है, किन्तु यह दावा मिथ्या है। मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया है। 

याद रहे कि बीते माह ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को इंडिया गवर्मेंट के साथ उसके पुराने टैक्स विवाद केस में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट में जीत हासिल हुई थी। यह केस कंपनी से 22,100 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड से जुड़ा है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने व्यवस्था दी थी कि देश की पिछली दिनांक से टैक्स की डिमांड करना दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते के तहत निष्पक्ष व्यवहार के विरुद्ध है। 

वही ब्रिटिश कंपनी ने एक स्टेटमेंट में कहा, 'वोडाफोन इस बात की पुष्टि करती है कि निवेश संधि न्यायाधिकरण ने केस वोडाफोन के पक्ष में पाया। यह आम मंजूरी से लिया गया फैसला है जिसमें भारत द्वारा नियुक्त मध्यस्थ रोड्रिगो ओरेमुनो भी सम्मिलित हैं।' वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने भारत सरकार के बीती दिनांक से टैक्स लगाने के कानून के तहत उससे की गई टैक्स डिमांड के विरुद्ध मध्यस्थता कोर्ट में चुनौती दी थी। गवर्मेंट ने 2012 में पारित एक कानून के माध्यम से बीती दिनांक में हुए सौदों पर टैक्स लगाने का अधिकार प्राप्त कर लिया था। 

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