मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया में शनिवार यानी आज लोकसभा चुनाव होने हैं। जहां विश्वभर के लोकतंत्रों में मतदान प्रक्रिया जनता की भागीदारी पर निर्भर है, वहीं ऑस्ट्रेलिया सहित कुल 23 देशों में अनिवार्य मतदान का प्रावधान है। यानी इन देशों में नागरिकों के लिए मतदान करना अनिवार्य है, वरना उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया में 1924 में पहली दफा अनिवार्य मतदान के लिए नियम बनाए गए थे। इसके बाद कभी देश का वोटर टर्नआउट 91% से नीचे नहीं आया है। अध्ययन के अनुसार, इन प्रावधान के बाद लोगों ने भी बढ़-चढ़ कर देश की सियासत में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया में मतदान के लिए रजिस्ट्रेशन और मतदान करना दोनों ही कानूनी कर्तव्यों में शमिल है। इसका मतलब 18 वर्ष से ऊपर के किसी भी शख्स के लिए वोट करना अनिवार्य है। मतदान न करने पर सरकार मतदाता से जवाब मांग सकती है। संतोषजनक जवाब या वजह न मिलने पर उस पर 20 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 1000 रुपए) का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही उसे अदालत के चक्कर भी काटने पड़ सकते हैं। अनिवार्य मतदान के विरोधियों का कहना है कि यह लोकतंत्र के मूलभूत आधार- आजादी के विरुद्ध है, यानी इसमें नागरिक की मनमानी नहीं चलती। हालांकि, इस सिस्टम के समर्थकों का कहना हैं कि नागरिकों को देश के राजनीतिक स्थिति से जरूर परिचित होना चाहिए। इसके साथ ही सरकार चुनने में जनता की भागीदारी भी काफी महत्वपूर्ण है। दुबई का केरल मुस्लिम केंद्र, प्रतिदिन करा रहा 2,500 लोगों को इफ्तारी वर्ल्ड कप के लिए फिट हुए केदार जाधव, इस दिन इंग्लैंड लिए होंगे रवाना पाकिस्तान में चीन की योजना पर लटकी तलवार, बलूच संगठनों ने उड़ाई नींद