भोपाल : व्यापमं महाघोटाले में गुरुवार को सीबीआई द्वारा स्पेशल जज दिनेश प्रसाद मिश्र की अदालत में पेश आरोप पत्र से पीएमटी 2012 के प्रवेश में मेडिकल सीटें बेचने के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है .इसमें भोपाल के पीपुल्स, एलएन और चिरायु मेडिकल कॉलेज के साथ ही इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज भी शामिल है. सीबीआई ने 592 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.चार्जशीट में 145 आरोपियों के घर के पते फर्जी पाए गए. इसलिए सीबीआई उनके घर तक नहीं पहुंच पाई. उल्लेखनीय है कि कोर्ट में पेश सीबीआई की चार्ज शीट से फर्जीवाड़े पर से पर्दा उठा है .इसमें इन कॉलेजों ने 150 से अधिक सीटों पर फर्जीवाड़ा किया. इनमें 85 सीटें स्टेट कोटे की थीं.जिसे इन्होंने 60 लाख से एक करोड़ रुपए लेकर ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश दे दिया, जो पीएमटी में बैठे ही नहीं थे. इसके लिए बाकायदा योजनाबद्ध तरीके से फर्जीवाड़ा किया गया. इसका सिलसिला पीएमटी के आवेदन भरे जाने से पहले ही शुरू हो गया था. इसके लिए यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, दिल्ली, झारखंड और प. बंगाल में कोचिंग कर रहे प्रतिभावान छात्रों को सॉल्वर के रूप में भाड़े पर लिया गया.परीक्षा में इनके रोल नंबर ऐसे तय किए कि परीक्षा में सॉल्वर आगे और फिर पीछे लाभार्थी बैठे. व्यापमं अधिकारियों की मदद से ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई. सॉल्वरों को निजी मेडिकल कॉलेज में सीटें अलॉट कर बाद में इन्हें सरेंडर करवा दिया और इन सीटों को बेच दिया गया. बता दें कि इस मामले में आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी पर अदालत में सुनवाई दिन में हुई लेकिन फैसला रात को आया. जिसमें अदालत ने भोपाल के 3 मेडिकल कॉलेजों के 6 संचालकों पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश एन विजयवर्गीय और दामाद अंबरीश शर्मा, अशोक नागनाथ, विजय पांडे, एलएन मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डीके सत्पथी, चिरायु के अजय गोयनका और तत्कालीन डीएमई एनएम श्रीवास्तव व अन्य की जमानत अर्जी ख़ारिज कर दी.अब इनके गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाएंगे. यह भी देखें EPF पेंशनर्स को मेडिकल सुविधा पर कल घोषणा संभावित खूबसूरती और टैलेंट का जीता जागता नमूना है मानुषी छिल्लर