विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने रूस पर 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. इसका मतलब यह है कि अब रूस अगले चार साल तक किसी भी प्रकार के मुख्य खेल आयोजनों में हिस्सा नहीं ले पाएगा. वहीं रूस पर इस प्रतिबंध सबसे बड़ा असर यह पड़ेगा कि वह टोक्यो में होने जा रहे आगामी ओलंपिक 2020 और कतर में होने वाले फुटबॉल विश्व कप 2022 से भी बाहर हो गया है. वाडा के इस कड़े निर्णय के बाद रूस अब अगले 4 साल तक खेलों के किसी भी तरह के मुख्य आयोजनों में हिस्सा नहीं ले सकेगा. जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि विश्व डोपिंग एजेंसी की जांच के बाद इस बात का निर्णय लिया गया कि रूसी अधिकारियों ने कई संभावित डोपिंग मामलों को छिपाने के लिए मास्को प्रयोगशाला डेटाबेस में छेड़छाड़ की. वाडा प्रवक्ता के अनुसार रूस को प्रतिबंध के साथ निलंबित करने का निर्णय सभी की सहमती से लिया गया. हालांकि, रूसी एथलीट जो अब तक डोपिंग उल्लंघन से मुक्त हैं, अभी भी चार साल के लिए अपने ध्वज या गान के बिना प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जैसा कि 2018 प्योंगचांग ओलंपिक के दौरान हुआ था. जंहा वाडा ने यह भी कहा कि अगर रूसी विरोधी डोपिंग एजेंसी RUSADA प्रतिबंधों के खिलाफ अपील करती है तो इस मामले को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में भेजा जाएगा. वाडा ने रूस पर एक डोपिंगरोधी प्रयोगशाला से गलत आंकड़े देने के आरोप लगाए और इस कारण उस पर यह बैन लगाया. रूस पर भले ही यह प्रतिबंध लगाया गया हो लेकिन उसके वे खिलाड़ी, जिन्हें डोपिंग में क्लीन चिट मिल जाएगी वे न्यूट्रल फ्लैग (तटस्थ झंडे) के इन खेलों में हिस्सा ले सकेंगे. वाडा की कार्यकारी समिति ने स्विट्जरलैंड में हुई बैठक में एकमत होकर इस देश पर चार साल का यह बैन लगाया. बांग्लादेश: इस तीरंदाज ने तीसरे गोल्ड पर साधा निशाना, घर से भागकर ली थी ट्रेनिंग SAG 2019: आठवें दिन भारतीय खिलाड़ियों ने जीते 46 मेडल, पदकों की संख्या 300 के पास पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी नासिर जमशेद ने स्वीकारी मैच फिक्सिंग की बात