गुंटूर: आंध्र प्रदेश की एनडीए सरकार ने राज्य के वक्फ बोर्ड को भंग करने का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक निर्णय लिया है। राज्य के कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, एन. मोहम्मद फारूक ने 30 नवंबर 2024 को इस बारे में एक आदेश जारी किया। सरकार ने पुराने आदेश GO-47 को रद्द कर नया आदेश GO-75 लागू किया है। मंत्री फारूक ने बताया कि वक्फ बोर्ड की पिछली नियुक्तियों को लेकर एक याचिका पिछले साल 21 अक्टूबर को दायर की गई थी। इस याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिससे बोर्ड के कार्यों में गंभीर प्रशासनिक और कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ा। इस रोक के कारण बोर्ड के कार्यों में स्थिरता नहीं थी और इसकी प्रभावशीलता प्रभावित हो रही थी। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि वक्फ बोर्ड के कामकाज में सुधार लाया जा सके और अल्पसंख्यकों के कल्याण को प्राथमिकता दी जा सके। नया आदेश वक्फ संपत्तियों की रक्षा, प्रशासनिक मुद्दों का समाधान और पारदर्शी तरीके से वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। यह कदम वक्फ संपत्तियों और अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार का उद्देश्य इन संपत्तियों का प्रबंधन प्रभावी, पारदर्शी और कानूनी दृष्टिकोण से सुनिश्चित करना है। इसके माध्यम से राज्य सरकार वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को मजबूत बनाने और उसे ठीक से संचालित करने की कोशिश करेगी, ताकि समाज के सभी वर्गों को फायदा हो सके और इस बोर्ड की भूमिका को सही तरीके से अंजाम दिया जा सके। 'मैडम बिजी हैं..', इंतज़ार करती रहीं केंद्रीय मंत्री, लेकिन फोन पर नहीं आईं सोनिया गांधी 'भारत और बांग्लादेश में क्या अंतर, यहाँ भी मुस्लिमों पर अत्याचार..', महबूबा मुफ़्ती का बयान ईसाईयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने की इस भारतीय संत की तारीफ