पटना के गाँव पर वक्फ का दावा, पीड़ितों से मिले भाजपा सांसद, विरोध में विपक्ष

पटना: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चल रहे विवाद के बीच,, लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य सचेतक संजय जायसवाल ने फतुहा क्षेत्र के गोविंदपुर गांव का दौरा किया है। वहां उन्होंने उन निवासियों से बातचीत की, जिन्हें अपनी जमीन खाली करने का नोटिस मिला है, जिसमें कहा गया है कि उनकी संपत्ति वक्फ बोर्ड की है।

 

पटना स्थित भाजपा मुख्यालय में गुरुवार 12 सितंबर को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जायसवाल ने कहा कि जिन लोगों को नोटिस मिला है, उनके पास 1910 के जमीन के रिकॉर्ड (खतियान) मौजूद हैं, उन्हें कई बार जमीन का मुआवजा भी मिल चुका है, फिर यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की कैसे हो सकती है? भाजपा विधायक ने आगे बताया कि उक्त भूमि वर्ष 2021-22 में वक्फ बोर्ड के नाम पर नहीं बल्कि एक निजी व्यक्ति के नाम पर हस्तांतरित की गई थी। उन्होंने आगे खुलासा किया कि मुतवल्ली (प्रबंधक) बबलू खान ने भूमि को अपने नाम पर पंजीकृत किया था। बाद में, जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि "चुनाव हारने के बाद पूर्व वार्ड पार्षद बबलू खान ने उन्हें वोट न देने के लिए कॉलोनी के सभी घरों/जमीन को मौखिक रूप से वक्फ कर दिया।"

भाजपा सांसद ने कहा कि, "वे लोग वहां (गोविंदपुर) 100 साल से भी ज्यादा समय से रह रहे हैं, जिन्हें अब उक्त व्यक्ति द्वारा वक्फ बोर्ड के नोटिस के माध्यम से लगातार परेशान किया जा रहा है। आज वक्फ बिल पर बनाई गई JPC के सदस्य के रूप में मैंने पीड़ितों से बातचीत की और उनकी शिकायतें सुनीं। मैंने उन्हें सारथी की तरह समर्थन का आश्वासन दिया है और मैं वक्फ के नाम पर दलित, पिछड़े और गरीब परिवारों के शोषण के खिलाफ मजबूती से खड़ा हूं।" प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल ने दावा किया कि सड़क निर्माण के दौरान सरकारी जमीन पर शव दफनाकर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की गई। संजय जैस्वाल ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड जैसी जिम्मेदार संस्थाओं को ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं से उनकी बदनामी होती है। जिम्मेदार लोगों को यह समझना चाहिए कि इस तरह से हिंदुओं की जमीन छीनने से उन्हें अल्लाह का आशीर्वाद नहीं मिलेगा।

उन्होंने आगे बताया कि उक्त क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के छह लोग रहते हैं, जिनमें से पांच को यह कहते हुए जमीन खाली करने को कहा गया है कि संपत्तियां वक्फ की हैं, लेकिन मुतवल्ली की जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं किया गया है, जबकि उन्हें सबसे पहले अपनी जमीन वक्फ को दान करनी चाहिए। भाजपा नेता ने फतुहा रेलवे स्टेशन के पास कब्रिस्तान के रूप में नामित एक भूमि के कथित दुरुपयोग के एक अन्य मामले को भी उजागर किया और दावा किया कि उक्त भूमि पर करीब एक दर्जन दुकानें बन गई हैं और उनसे किराया वसूला जा रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान जायसवाल ने अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज भी पेश किए।

उन्होंने अधिकारियों से इन मामलों की जांच करने और जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जेपीसी इन मामलों की निष्पक्ष जांच कर रही है और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय प्रभावित हैं। गौरतलब है कि राजधानी पटना से सटे फतुहा इलाके का गोविंदपुर गांव तब चर्चा में आया जब कुछ निवासियों को वक्फ बोर्ड की ओर से नोटिस मिला कि वे 30 दिनों के भीतर अपनी जमीन खाली कर दें। नोटिस में कहा गया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है। बोर्ड की ओर से जारी नोटिस से काफी विवाद हुआ क्योंकि कई लोगों ने इस कदम को हिंदू समुदाय के सदस्यों की निजी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास बताया। 

 

कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए इस वक्फ कानून में संशोधन करने के लिए मोदी सरकार वक्फ बिल लाइ है, जो फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास है, जहाँ पक्ष-विपक्ष के 31 सांसद उस पर चर्चा कर रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस, समेत पूरा विपक्ष इस बिल को मुसलमान विरोधी बताते हुए इसका विरोध कर रहा है, वहीं भाजपा का कहना है कि वक्फ कानून के नाम पर गरीबों की जमीन हड़पने की मनमानी ख़त्म होनी चाहिए और पीड़ित को अदालत जाने का अधिकार मिलना चाहिए। जो कि कांग्रेस के वक्फ कानून में नहीं है, मौजूदा बिहार के मामले में भी देखें तो पीड़ित किसी अदालत या सरकार से न्याय मांगने नहीं जा सकते, उन्हें वक्फ ट्रिब्यूनल में ही जाना होगा, जहाँ हर अधिकारी एक ही समुदाय से होगा। फिर  वक्फ की मर्जी है, वो जमीन वापस करे या न करे। इस तरह भारत की 9 लाख एकड़ जमीन वक्फ की हो चुकी है, जो अब सरकार के अधीन नहीं रही और इस तरह देश की संपत्ति भी नहीं रही। यहाँ तक की सरकार रेलवे, सेना, वन विभाग की भी जमीन का अधिग्रहण कर सकती है, लेकिन मौजूदा कानून के अनुसार, वक्फ की प्रॉपर्टी पर हाथ नहीं डाल सकती। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर देश किसने बेचा ? 

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