अमेरिका और चीन के मध्य प्रतिद्वंद्विता केवल व्यापार या भूमि को लेकर नहीं बल्कि स्पेस को लेकर भी अब दिख दे रहा है. अमेरिका का रक्षा महकमे चांद को लेकर मुल्क के बीच चल रही प्रतियोगिता पर नजर रख रही है. मुल्क की आर्मी को लगता है कि अमेरिका के चांद से जुड़े अफसरों की रक्षा करने में उसका भी रोल है. आखिरी क्यों चीन की इस दीवार को कहा जाता है 'दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान', जानिए वजह रक्षा महकमे को इस बात की चिंता है कि कहीं चीन, अमेरिका से पहले मून पर न पहुंच जाए और ऐसा हुआ तो वह (चीन) स्पेस को लेकर नियम न बनाने लगे. ऐसे में अमेरिका को अंदेशा है कि ऐसी स्थिति में चीन के साथ युध्द छिड़ सकता है. रद्द हो सकता है 8 लाख भारतीयों का वीज़ा, कुवैत जल्द लाएगा नया कानून बता दे कि डिफेंस इनोवेशन यूनिट ( DIU) में स्पेस पोर्टफोलियो के निर्देशक ब्रिगेडियर स्टीवन का मानना है कि नियम एक्साम्प्ल से बनते हैं. कोई मुल्क स्पेस में क्या करता है, इससे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय कानून बन सकते हैं. उन्होंने बताया, हम नहीं चाहते कि हमारे प्रतिद्वंदी वहां जाकर ऐसे नियम बनाए.ब्रिगेडियर स्टीवन का कहना है कि जो पहला देश जीईओ ( जियोस्टेशनरी इक्विटोरियल ऑर्बिट) और सीसलुनर (चांद और धरती के बीच) स्पेस के लिए ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक की क्षमता को विकसित कर लेगा, वह सीसलुनर स्पेस और चांद के संसाधनों पर कंट्रोल हासिल कर लेगा.ब्ल्यू ओरिगिन में एडवांस्ड कार्यक्रम के वाइस-प्रेसीडेंट ब्रेंट शेरलुड का मानना है कि सीसलुनर स्पेस डेवलपमेंट गवर्नमेंट और इंडस्ट्री की साथ आने से हो सकता है. हालांकि उनका कहना है कि इंडस्ट्री हमेशा गवर्नमेंट से बिजनेस की आशा करेगी. दुनियाभर के कोरोना मामलों में से 26 फीसद भारत के.... हैरान कर देगी ये रिपोर्ट इराक और सीरिया में अब भी मंडरा रहा ISIS का खतरा, यूनाइटेड नेशंस ने किया खुलासा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 'प्रेजिडेंट' पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी से नॉमिनेट हुए डोनाल्ड ट्रंप