अमेरिका के सपनो पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है. जी हाँ दरअसल अमेरिका की ट्रम्प सरकार पाकिस्तान के इस्लामाबाद को टेरर-वित्तीय निगरानी में डालने की कोशिश में लगी हुई थी. जिसके चलते अब पाकिस्तान को चीन, तुर्की, सऊदी अरब का साथ मिल गया है. इन तीन देशों ने पाकिस्तान का साथ देकर अमेरिका की मुसीबत को और बड़ा दिया है. हालांकि पाकिस्तान ने एक प्रकार की जीत का दावा किया है, कहा है कि, अमेरिका वित्तीय एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पेरिस की बैठक के दौरान अप्रत्यक्ष रुप से सक्रिय था, ताकि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर सकें. वॉल स्ट्रीट जर्नल जिसने इस बारे में सबसे पहले सूचना दी थी ने कहा, यह एक ट्रंप प्रशासन और सऊदी अरब के बीच एक असहमति थी. आतंकवाद पर दुनिया भर के राष्ट्रों के आलोचना का शिकार हो रहा पाकिस्तान अब इस दाग से अपना दामन छुड़ाने के लिए सारे जुगत भिड़ाने का प्रयास कर रहा है. आपको बता दें कि कुछ समय पहले अमेरिका ने टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डालने की पहल शुरू की थी, जिसे हाल ही में हुई FATF (फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स) के बैठक में मंजूरी नहीं मिली. गहरे संकट में 'आप' आप विधायकों की जमानत अर्जी पर सुनवाई आज फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ ट्विटर का एक्शन