बैंगलोर: कावेरी जल विनियमन समिति (CWRC) द्वारा कर्नाटक को अगले 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश देने के एक दिन बाद, राज्य की कांग्रेस सरकार ने आज बुधवार को निर्णय लेने से पहले कानूनी टीम से परामर्श करने का फैसला किया है। बेंगलुरु के विधान सौध में सीएम सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मामले की सुनवाई 21 सितंबर को होने की संभावना है। बैठक के बाद सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य तमिलनाडु को पानी देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि, 'हमारे पास तमिलनाडु को देने के लिए पानी नहीं है। हमें पीने और सिंचाई के लिए 106 TMC पानी की जरूरत है, लेकिन हमारे पास केवल 53 TMC पानी है। पिछले 123 वर्षों में हमने ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया है। हम आज ही कानूनी टीम से परामर्श करेंगे और निर्णय लेंगे।' सीएम ने यह भी कहा कि राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात करेगा। सिद्धारमैया ने कहा कि, ;हम फिर से पीएम और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को पत्र लिखकर जमीनी हकीकत के बारे में बताने के लिए उनका समय मांगेंगे। विपक्षी नेताओं ने कहा है कि वे सरकार के फैसले का पालन करें।' कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार इस मुद्दे पर कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए आज दिल्ली रवाना हो सकते हैं। CWRC ने मंगलवार को कर्नाटक से अगले 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा था। राज्य सरकार 28 अगस्त को समिति द्वारा दिए गए इसी तरह के आदेश पर सहमत हुई थी। सर्वदलीय बैठक के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, बसवराज बोम्मई और एचडी कुमारस्वामी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण उपस्थित नहीं थे। 75 लाख लोगों को मिलेगा मुफ्त गैस कनेक्शन, उज्ज्वला योजना के तहत मोदी सरकार ने स्वीकृत किए 1650 करोड़ क्या आप I.N.D.I.A. गठबंधन का नेतृत्व करेंगी ? ममता बनर्जी से श्रीलंका के राष्ट्रपति ने किया सवाल, मिला ऐसा जवाब दाऊद इब्राहिम के साथ 'दलित महिला' ने भोगा नरक ! पूरा परिवार करता था जुल्म, हलाला करने और धर्मांतरण का भी दबाव