'हम सरकार के फैसलों के साथ..', बांग्लादेश हिंसा पर मायावती ने जताया समर्थन, पड़ोसी मुल्क में दलित हिन्दुओं पर अत्यचार जारी !

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी पड़ोसी देश बांग्लादेश के मौजूदा हालात को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों का समर्थन करती है। मायावती ने बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक का जिक्र करते हुए 'एक्स' पर लिखा, "पड़ोसी देश बांग्लादेश के तेजी से बदलते हुए राजनीतिक हालात के मद्देनजर आज की सर्वदलीय बैठक अति महत्वपूर्ण है। सभी दलों द्वारा सरकार के फैसलों के साथ रहने का निर्णय उचित और जरूरी है। बसपा भी इस मामले में केंद्र सरकार के फैसलों का समर्थन करती है।"

 

यह उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण के मुद्दे को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। जिसके बाद वहां अल्पसंख्यक खासकर हिन्दू निशाने पर आ गए, अकेले 5 अगस्त को 27 जिलों में हिन्दुओं पर हमले की खबर खुद बांग्लादेश के अख़बार द डेली स्टार ने छापी है। पीड़ितों में अधिकतर दलित और पिछड़ी जाति के लोग हैं, जो बंटवारे के दौरान वहां रह गए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक में नेताओं को सूचित किया कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का भरोसा दिलाया है और उन्हें भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है। बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश के राजनीतिक हालात भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं, और सभी राजनीतिक दलों को मिलकर इस पर केंद्र सरकार का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारे पड़ोसी देश में हो रही घटनाएं हमारे देश की सुरक्षा और स्थिरता पर भी असर डाल सकती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी एकजुट होकर सरकार के साथ खड़े रहें।"

 

मायावती ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की स्थिरता और शांति भारत के लिए महत्वपूर्ण है और भारत को इस संकट में बांग्लादेश की मदद करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार के उचित कदमों से बांग्लादेश में जल्द ही शांति और स्थिरता बहाल होगी। इसके अलावा, मायावती ने बांग्लादेश में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में महिलाओं और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी हमें ध्यान देना चाहिए। उनकी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए भारत को अपनी भूमिका निभानी होगी।" मायावती ने अंत में कहा कि बसपा हमेशा शांति और सहयोग की पक्षधर रही है और इस संकट की घड़ी में भी पार्टी केंद्र सरकार के साथ खड़ी है।

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