इम्फाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों की साजिश को नकारा नहीं किया जा सकता. सूबे में पिछले 56 दिनों से जारी हिंसा अपने आप में ढेर सवाल खड़े करती है. इनमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि, विद्रोही गुटों के पास इतने हथियार कहाँ से आ रहे हैं ? दरअसल, हिंसा की आग लगाने के पीछे चीन की संलिप्तता पहले से ही संदेह के दायरे में है. अब इन हथियारों को लेकर दावा किया गया है कि इनकी तस्करी की गई और म्यांमार के जरिए इन्हें मणिपुर भेजा गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटेलिजेंस सूत्रों ने दावा करते हुए कहा है कि मणिपुर में हिंसा और अशांति फैलाने के लिए म्यांमार के रास्ते हथियारों की सप्लाई की गई थी. हथियार की यह खेप इस महीने म्यांमार आई थी. इन हथियारों की खरीदी हिंसा में सक्रिय विद्रोही संगठनों द्वारा की गई और इन्हें तीन गाड़ियों में भरकर मणिपुर लाया गया. रिपोर्ट यह भी बताती है कि, कथित तौर पर ये हथियार म्यांमार-चीन बॉर्डर के नजदीक स्थित ब्लैक मार्केट से लाए गए. सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट के बाद मणिपुर सरहद पर असम राइफल्स के जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. किसी भी प्रकार की घटना को रोकने के लिए भारत-म्यांमार बॉर्डर पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है. वहीं, मणिपुर की राजधानी इंफाल में मंगलवार (27 जून) को सुरक्षाबलों ने हथियारों की तस्करी के आरोप में एक IRB जवान सहित 4 लोगों को अरेस्ट कर लिया है. खुफिया इनपुट के आधार सुरक्षाबलों ने कैरांग अवांग लीकाई, खोमिदोक के साथ ही कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने में हथियारों के साथ 2.5 लाख रुपए नकद, कई मोबाइल फोन और दो कार भी बरामद की है. 2600 किलो गांजा, 650 किलो ड्रग्स, हैदराबाद में जलाकर राख कर दिया गया अरबों रुपयों का 9 टन नशा ! रेप-हत्या, गौहत्या-धर्मान्तरण ! अब 30 दिनों के अंदर सजा दिलाएगी योगी की पुलिस, शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ सवा लाख के इनामी बदमाश मोहम्मद गुफरान का यूपी STF ने किया एनकउंटर, हत्या-लूट समेत कई मामलों में था वांटेड