चेन्नई : चेन्नई में आई बाढ़ से पूरा देश चिंतित है, इसके लिए देश-प्रदेश से लेकर विदेशों तक से मदद आ रही है। लेकिन मौसम विभाग ने इस खतरे की जानकारी 1 महीने पहले ही दे दी थी। अक्टूबर माह के मध्य में मौसम विशेषज्ञों ने इस बात की संभावना जताई थी कि मूसलाधार बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ आने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने 16 अक्टूबर को भविष्यवाणी की थी कि साल के आखिरी तीन महीने बहुत अधिक गीले रहेंगे अर्थात् काफी बारिश होगी। विभाग ने यह भी कहा था कि इस साल की मौसमी बारिश में तमिलनाडु में 112 प्रतिशत अधिक बारिश हो सकती है। आम तौर पर सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बारिश भी बाढ़ की चेतावनी मानी जाती है। एक महीने पहले ही इस बात की चेतावनी मिलने के बाद भी राज्य प्रशासन इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नही दिख रही है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एल एस राठौर ने यह स्पष्ट किया कि उनके विबाग ने बाढ़ आने लायक बारिश की चेतावनी दी थी। साथ में राठौर ने यह भी कहा कि मैं सिर्फ मौसम वैज्ञानिक हूँ, टाउन प्लानर नही। राठौर ने कहा कि सभी ओर बारिश का पानी जमा है, जो कि नदियों में जा रहा है और फिर वहाँ से समंदर में। इसी कारण बाढ़ आई हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि टाउन प्लानरों को ऐसी भविष्यवाणियों के बाद नालों से गाद की सफाई, बरसाती नालों की सफाई जैसे काम तुरंत कर लेने चाहिए थे और यह आश्वस्त करना चाहिए कि ऐसी जगहों पर किसी भी तरह का अतिक्रमण न होने पाए। हर खतरे के लिए पहले से योजना और पूरी आपूर्ति की व्यवस्था तैयार होनी चाहिए थी। इससे पहले 25 नवंबर 1976 में चेन्नई में भारी बारिश (45.2 सेमी) हुई थी लेकिन तब बाढ़ नही आई थी क्यों कि प्राकृतिक रुप से धरती ने पानी सोख लिया था और तब इतना अधिक निर्माण कार्य भी नही हुआ था।