भारत में कई अंधविश्वासी परम्पराए आज भी कायम है. छत्तीसगढ़ के बस्तर की कांगेरघाटी में एक ऐसी ही परंपरा निभायी जा रही है. जिसके बारे में सुन कर आपके पैरो तले से जमीन खिसक जाएगी. यहाँ परंपरा के नाम पर पानी को साक्षी मान कर भाई-बहन की आपस में शादी कर दी जाती है. यहाँ आसपास के इलाको में रहने वाले धुरवा समाज के लोग इस प्रथा को आज भी निभा रहे है. इस समाज के लोग अपनी बेटियों की शादी फुफेरे और मौसेरे भाई से शादी करवा देते है. अगर कोई ऐसा करने से मना करता है तो उससे बाकायदा जुर्माना भी वसूला जाता है. हालाँकि अब लोग जागरूक होने के साथ ही धीरे धीरे इस परंपरा को ख़त्म करने का प्रयास कर रहे है. ऐसी ही अन्य खबरों के लिए नीचे लिंक्स पर क्लिक करें :- नहीं था कोई बच्चा, प्रकृति को बनाया अपनी औलाद - 80 सालो में लगा दिए 8000 पेड़ प्रथा के नाम पर अपने ही परिवार के बुजुर्गों की हत्या कर देते है लोग वैज्ञानिकों को मिला एक नया मेंढक जो चमकता है अँधेरे में